Edited By Vijay, Updated: 31 May, 2023 12:05 AM

हिमाचल के हकों को लेकर एक बार फिर सरगर्मियां बढ़ी हैं। वहीं पानी की एवज में मिलने वाली रॉयल्टी को भी बढ़ाए जाने की मांग उठी है। पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने कहा कि जोगिंद्रनगर का बिजली घर आज तक भी हिमाचल प्रदेश को न मिलना एक बहुत बड़ा अन्याय है।
पालमपुर (भृगु): हिमाचल के हकों को लेकर एक बार फिर सरगर्मियां बढ़ी हैं। वहीं पानी की एवज में मिलने वाली रॉयल्टी को भी बढ़ाए जाने की मांग उठी है। पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने कहा कि जोगिंद्रनगर का बिजली घर आज तक भी हिमाचल प्रदेश को न मिलना एक बहुत बड़ा अन्याय है। वहीं उन्होंने कहा कि 12 प्रतिशत रॉयल्टी बढ़नी चाहिए। यद्यपि उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की कि मुख्यमंत्री सुखविन्दर सिंह इस संबंध में भारत सरकार से बात कर रहे हैं। पंजाब केसरी ने भी 27 मई के अंक में हिमाचली हकों पर पहरे की कवायद अभी अधूरी समाचार के माध्यम से इस मुद्दे को उठाया है। शांता कुमार ने कहा कि इस संबंध में केवल हिमाचल सरकार ही नहीं पूरा हिमाचल प्रदेश भारत सरकार से अपना अधिकार प्राप्त करने के लिए संघर्ष करे। उन्होंने मुख्यमंत्री सुखविन्दर सिंह सुक्खू से आग्रह किया कि वह हिमाचल के युवा केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर, जगत प्रकाश नड्डा और विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर को साथ लेकर दिल्ली जाएं। प्रधानमंत्री से मिलें और हिमाचल प्रदेश के इन सब अधिकारों को प्राप्त करने का प्रयत्न करें।
लीज का बहाना पंजाब सरकार बनाती रही
बकौल शांता कुमार मंडी रियासत से लीज का तो एक बहाना पंजाब सरकार बनाती रही। लीज की अवधि समाप्त हो गई उसके साथ वह बहाना भी समाप्त हो गया परंतु सच्चाई यह है कि 1966 के पंजाब पुनर्गठन कानून के बाद ही यह बिजली घर हिमाचल प्रदेश को मिल जाना चाहिए था।
12 प्रतिशत रॉयल्टी अब बढ़नी चाहिए
शांता कुमार ने कहा कि यह उनका सौभाग्य है कि मुख्यमंत्री रहते हुए केंद्र की कांग्रेस सरकार से वह हिमाचल की पन बिजली परियोजनाओं में रॉयल्टी का सिद्धांत मनवा पाए। उस समय तय की गई 12 प्रतिशत रॉयल्टी आज बढ़नी चाहिए।
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