Edited By Vijay, Updated: 29 Nov, 2020 08:33 PM

प्रदेश में एसएमसी पॉलिसी के तहत ही 2555 शिक्षकों की सेवाएं ली जाएंगी। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले को पलटते हुए एसएमसी शिक्षकों को राहत दी है, लेकिन इन शिक्षकों की नियुक्ति अस्थायी है, ऐसे में नियमित शिक्षक के आने पर स्कूलों में इनकी...
शिमला (प्रीति): प्रदेश में एसएमसी पॉलिसी के तहत ही 2555 शिक्षकों की सेवाएं ली जाएंगी। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले को पलटते हुए एसएमसी शिक्षकों को राहत दी है, लेकिन इन शिक्षकों की नियुक्ति अस्थायी है, ऐसे में नियमित शिक्षक के आने पर स्कूलों में इनकी सेवाएं समाप्त होंगी। सरकारी स्कूलों में स्कूल प्रबंधन समिति (एसएमसी) के तहत नियुक्त शिक्षकों की नियुक्ति अस्थायी है। बीते सप्ताह सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने कोर्ट में यह तथ्य रखा है। सुनवाई में सरकार ने बताया कि इन शिक्षकों की नियुक्तियां अस्थायी तौर पर की गई हैं।
8 वर्षों से सेवाएं दे रहे एसएमसी शिक्षक
प्रदेश में इस समय 2555 एसएमसी शिक्षक विभिन्न स्कूलों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इनमें 770 पीजीटी, 590 टीजीटी, 106 डीपीई, 130 जेबीटी और 1012 सी एंड वी शिक्षक शामिल हैं। बता दें कि प्रदेश के ऐसे स्कूल जहां पर एसएमसी शिक्षक कार्यरत हैं, वहां पर सरकार नियमित शिक्षक का तबादला नहीं करती है। प्रदेश में ये शिक्षक पिछले 8 वर्षों से अपनी सेवाएं दे रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट से शिक्षकों को राहत मिलने के बाद मंगलवार यानी 1 दिसम्बर तक शिक्षा विभाग इन अध्यापकों को लेकर नए आदेश जारी कर सकता है।
अगस्त 2019 में शिक्षा विभाग ने नई भर्ती पर लगाई थी रोक
जून 2019 में नियुक्तियों को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर कर चुनौती दी गई थी। अगस्त 2019 में शिक्षा विभाग ने नई भर्ती पर रोक लगाई। 14 अगस्त 2020 को हाईकोर्ट ने नियुक्तियां रद्द करने का फैसला सुनाया। अब यह मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। बता दें कि वर्ष 2012 में इन शिक्षकों की नियुक्तियों के लिए सरकार द्वारा एसएमसी पॉलिसी बनाई थी। इसके तहत राज्य के दुर्गम और जनजातीय क्षेत्रों में इन शिक्षकों को नियुक्त किया गया था।