जब स्कूटरों पर सेब ढोने के दिए थे प्रमाण तब वीरभद्र सिंह ने क्यों नहीं दिया था इस्तीफा : सत्ती

Edited By Vijay, Updated: 29 May, 2020 05:40 PM

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भाजपा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती ने कहा कि जब वीरभद्र सिंह पर स्कूटरों पर सेब ढोने के नम्बरों सहित प्रमाण भाजपा ने दिए थे तो क्या वीरभद्र सिंह ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया था? पंजाब केसरी से बातचीत करते हुए पार्टी के पूर्व अध्यक्ष...

ऊना (सुरेन्द्र): भाजपा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती ने कहा कि जब वीरभद्र सिंह पर स्कूटरों पर सेब ढोने के नम्बरों सहित प्रमाण भाजपा ने दिए थे तो क्या वीरभद्र सिंह ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया था? पंजाब केसरी से बातचीत करते हुए पार्टी के पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि नैतिकता हमेशा भाजपा ने ही दिखाई है। हालांकि डॉ. राजीव बिंदल को त्याग पत्र देने की कोई आवश्यकता नहीं थी लेकिन उन्होंने नैतिकता की सर्वोच्च परंपरा का पालन किया। उन्होंने कहा कि विपक्ष मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से किस लिए त्याग पत्र मांग रहा है। क्या कांग्रेस के किसी नेता ने कभी त्याग पत्र दिया है। भाजपा ने तो सर्वोच्च नैतिकता का पालन किया है।

सत्ती ने कहा कि कांग्रेस महज राजनीतिक लाभ लेने के लिए ढोंग रच रही है। उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से रिश्वतकांड की वजह से अल्पकाल के लिए पार्टी की छवि तो खराब हुई है लेकिन जांच के बाद तथ्य सामने आएंगे और यह पता लग जाएगा कि कसूरवार कौन है। सीएम मामले की निष्पक्ष जांच करवा रहे हैं। मामला दुर्भाग्यपूर्ण है और जांच के बाद सच्चाई सामने आ जाएगी। उन्होंने कहा कि इस बात को सोचने की भी आवश्यकता है कि जो अधिकारी ऐसा कृत्य कर रहे हैं, क्या वे सेवा कर रहे हैं या लुटेरों की फौज है। किस तरह से वे लोगों से पैसे मांगते हैं।

उन्होंने माना कि हालांकि सभी अधिकारी व कर्मचारी ऐसे नहीं हैं लेकिन दफ्तरों के अंदर यह भ्रष्टाचार का गौरखधंधा बदस्तूर जारी है। यदि किसी का नौकरी से गुजारा नहीं होता तो वह व्यापार कर ले। यह नहीं सोचे कि कोई व्यापार कर रहा है, उससे हिस्सा लेकर इस प्रकार का भ्रष्टाचार चलाए। सत्ती ने माना कि दफ्तरों के भीतर स्थितियां अच्छी नहीं हैं। आंखों से देखकर मक्खियां निगलने का काम यहां चल रहा है। इस पर कभी न तो चर्चा हुई और न ही किसी ने चर्चा का साहस जुटाया। चंद लोगों ने सारे सिस्टम को बदनाम कर दिया है।

उन्होंने कहा कि पार्टी के अध्यक्ष पद का फैसला हाईकमान करेगा। क्या रणधीर शर्मा नए अध्यक्ष होंगे, इस सवाल पर सत्ती ने कहा कि वे भी पार्टी के निष्ठावान नेता हैं। ऐसे में भाजपा का कोई भी कार्यकत्र्ता इस पद पर काबिज हो सकता है। उन्होंने माना कि रिश्वतकांड और बिंदल के इस्तीफे से पार्टी में उथल-पुथल तो जरूर हुई है लेकिन यह माहौल ज्यादा दिन नहीं रहेगा। बेहतर होता कि बिंदल जांच पूरी होने के बाद पद छोड़ते।

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