रैस्क्यू टीम ने लापता पर्वतारोही बलजीत कौर को जीवित खोज निकाला, काठमांडू अस्पताल में भर्ती

Edited By Vijay, Updated: 18 Apr, 2023 10:04 PM

rescue team finds missing mountaineer baljeet kaur alive

बिना सप्लीमैंट ऑक्सीजन विश्व की 10वीं सबसे ऊंची चोटी नेपाल की माऊंट अन्नपूर्णा फतह करने के बाद लापता हुई हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले की पवर्तारोही 28 वर्षीय बलजीत कौर का रैस्क्यू करने में कामयाबी मिल गई है।

बिना ऑक्सीजन माऊंट अन्नपूर्णा फतह करने के बाद हुईं थीं लापता
सोलन (नरेश पाल):
बिना सप्लीमैंट ऑक्सीजन विश्व की 10वीं सबसे ऊंची चोटी नेपाल की माऊंट अन्नपूर्णा फतह करने के बाद लापता हुई हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले की पवर्तारोही 28 वर्षीय बलजीत कौर का रैस्क्यू करने में कामयाबी मिल गई है। रैस्क्यू टीम उन्हें जीवित खोज निकालने में कामयाब रही। उन्हें काठमांडू के अस्पताल में भर्ती किया गया है जहां पर उनका इलाज चला हुआ है। उनका पता लगाने में 3 हैलीकॉप्टरों को लगाया गया था। बलजीत कौर सोमवार शाम करीब सवा 5 बजे 2 शेरपा गाइडों के साथ समुद्र तल से 8091 मीटर ऊंचे माऊंट अन्नपूर्णा पर्वत चढ़ने में कामयाब हो गईं थीं। एक वर्ष के अंतराल में वह दूसरी बार माऊंट अन्नापूर्ण को फतह करने में कामयाब हुईं थीं। पिछले वर्ष 28 अप्रैल को भी इस चोटी को चढ़ने में उन्हें कामयाबी मिली थी।

माऊंट अन्नापूर्णा बेस कैंप-4 के पास हुईं थीं लापता 
बताया जा रहा है कि माऊंट अन्नापूर्ण फतह के बाद जब यह दल वापस लौट रहा था तो 7375 मीटर (24193 फुट) की ऊंचाई पर स्थित माऊंट अन्नपूर्णा कैंप-4 के पास उनका रेडियो संपर्क टूट गया। ऐसी भी सूचना है कि वहां पर एवलांच में वे हादसे का शिकार हो गए। उनके लापता होते ही रैस्क्यू ऑप्रेशन शुरू हो गया। 3 हैलीकॉप्टरों के माध्यम से उनकी तलाश शुरू हो गई। मंगलवार सुबह से ही रैस्क्यू ऑप्रेशन शुरू हुआ और दोपहर तक रैस्क्यू टीम उन्हें जीवित खोजने में कामयाब रही। बलजीत कौर को पहले अपने कैंप सुरक्षित पहुंचाया गया। उसके बाद हैलीकॉप्टर से एयरलिफ्ट कर काठमांडू के अस्पताल में पहुंचाया, जहां पर उनका उपचार चला हुआ है।

रेडिया सिग्नल भेजने के बाद शुरू किया खोज अभियान
पायनियर एडवैंचर पासंग शेरपा ने बताया कि हवाई खोज दल ने बलजीत कौर को कैंप-4 की ओर अकेले उतरते देखा था। भारतीय महिला पर्वतारोही मंगलवार सुबह तक रेडियो संपर्क से बाहर थीं। मंगलवार सुबह एक हवाई खोज अभियान शुरू किया गया जब वह तत्काल मदद के लिए एक रेडिया सिग्नल भेजने में कामयाब रहीं। उनके जीवित मिलने की खबर के बाद प्रदेश के लोगों ने राहत की सांस ली है क्योंकि सोशल मीडिया में पहले कुछ और खबर चल रही थी। 

19 साल की उम्र में शुरू किया था करियर
बलीजत कौर ने पर्वतारोही के रूप में 19 साल की छोटी-सी उम्र में अपने करियर की शुरूआत की थी। उन्होंने सबसे पहले मनाली के देओ टिब्बा को फतह किया था। इसके बाद वह माऊंट पमोरी को फतह करने वाली पहली भारतीय महिला बनी थीं। बलजीत कौर के नाम एक और विशेष रिकॉर्ड है। वह पहली भारतीय पवर्तारोही हैं जो महज 30 दिनों के अंतरात में 8 हजार मीटर की ऊंचाई वाली 4 चोटियों को फतह करने में कामयाब रहीं थीं। इनमें अन्नपूर्णा, कंचनजंगा, एवरैस्ट, लोतसे और मकालु चोटी शामिल थी। बलजीत ने पहले माऊंट अन्नपूर्णा (28 अप्रैल) की चढ़ाई की फिर कंचनजंगा (12 मई) की चोटी फतह की। इसके बाद माऊंट एवरैस्ट (22 मई) और माऊंट ल्होत्से (23 मई) चढ़कर इतिहास रच दिया। 

2 दिन में माऊंट एवरैस्ट व माऊंट ल्होत्से किया फतह 
बलजीत कौर ने पिछले वर्ष माऊंट एवरैस्ट पर तिरंगा फहराने के एक दिन बाद ही माऊंट ल्होत्से को फतह किया था, जो दुनिया की सबसे ऊंची चोटी 8848.86 मीटर है। बलजीत कौर ने 8000 मीटर की 2 चोटियों को 2 सप्ताह के अंदर फतह करने के लिए भी रिकाॅर्ड दर्ज कर लिया है।  

सोलन के ममलीग की रहने वाली हैं बलजीत कौर
बलजीत कौर जिला सोलन के ममलीग की रहने वाली हैं। उनके पिता हिमाचल पथ परिवहन निगम से बतौर चालक रिटायर हुए हैं और माता गृहिणी हैं। उन्होंने बिना सप्लीमैंट ऑक्सीजन 8000 फुट की ऊंचाई पर शिखर की चोटी फतह करने का अद्भुत कारनामा किया है। बलजीत कौर ने पर्वतारोही का सपना पूरा करने के लिए एक लम्बा संघर्ष और बहुत मेहनत की है।

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