Edited By Vijay, Updated: 28 Apr, 2021 04:50 PM
हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी बैंक शिमला को 40 लाख रुपए का जुर्माना लगा है। यह पैनल्टी आरबीआई ने बैंक पर नाबार्ड के नियामक निर्देशों का पालन न करने पर लगाई है। रिजर्व बैंक ने नाबार्ड के धोखाधड़ी से जुड़े मामलों की निगरानी और रिपोर्टिंग के...
शिमला (ब्यूरो): हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी बैंक शिमला को 40 लाख रुपए का जुर्माना लगा है। यह पैनल्टी आरबीआई ने बैंक पर नाबार्ड के नियामक निर्देशों का पालन न करने पर लगाई है। रिजर्व बैंक ने नाबार्ड के धोखाधड़ी से जुड़े मामलों की निगरानी और रिपोर्टिंग के दिशा-निर्देशों की समीक्षा की है। इस दौरान आरबीआई ने पाया कि राज्य सहकारी बैंक द्वारा नाबार्ड की धोखाधड़ी से जुड़े मामलों की गाइडलाइन की अनुपालना नहीं की गई, जिस पर रिजर्व बैंक ने राज्य सहकारी बैंक पर पैनल्टी लगाई है। नाबार्ड की गाइडलाइन के तहत फ्रॉड यानि धोखाधड़ी के मामलों का संबंधित बैंक को 3 सप्ताह के भीतर इंश्योर पोर्टल पर रिपोर्ट करना होता है लेकिन राज्य सहकारी बैंक की ओर से पोर्टल पर तय समय के भीतर रिपोर्ट नहीं किया गया है। इसके चलते आरबीआई ने यह कदम उठाया है।
बताया जा रहा है कि यह फ्रॉड केस 2013 से लेकर 2017 के बीच के हैं, जिनकी रिपोर्ट पोर्टल पर बैंक की ओर से नहीं डाली गई है। हालंाकि बैंक का कहना है कि धोखाधड़ी के मामलों पर बैंक की ओर से सख्त कदम उठाए गए हैं और ग्राहकों से रिकवरी की गई है। कई मामलों पर एफआईआर भी दर्ज करवाई गई है, साथ ही इन मामलों में जो भी कर्मचारी व अन्य लोग संलिप्त पाए गए हैं, बैंक की ओर से उन्हें नौकरी से भी निकाला गया है।
राज्य सहकारी बैंक के प्रबंध निदेशक पंकज ललित ने कहा कि नाबार्ड की गाइडलाइन के तहत फ्रॉड केस की रिपोर्ट 3 सप्ताह के भीतर इंश्योर पोर्टल पर संबंधित बैंक को रिपोर्ट करनी होती है, यह एक अनिवार्य घटक है। राज्य सहकारी बैंक की ओर से पोर्टल पर रिपोर्ट नहीं की गई है। इस पर रिजर्व बैंक की ओर से 40 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया है। प्रबंध निदेशक ने कहा कि धोखाधड़ी के मामलों का निपटारा किया जा रहा है। रिकवरी प्रक्रिया भी की जा रही है तथा बैंक की ओर से सख्त कदम उठाए जा रहे हैं।