सुजानपुर में राणा की राजनीति भाजपा पर फिर पड़ी भारी

Edited By Vijay, Updated: 21 Jan, 2021 07:59 PM

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सुजानपुर नगर परिषद के चुनावों और उसके बाद अध्यक्ष व उपाध्यक्ष बनाने के समय भाजपा के कमजोर संगठन की पोल एक बार फिर से खुल गई है। जैसे 2017 विस चुनावों में भाजपा के संगठन की हालत थी, वैसी ही हालत वर्तमान में भी बनी हुई है या यूं कहें कि उससे भी बुरी...

हमीरपुर (राजीव): सुजानपुर नगर परिषद के चुनावों और उसके बाद अध्यक्ष व उपाध्यक्ष बनाने के समय भाजपा के कमजोर संगठन की पोल एक बार फिर से खुल गई है। जैसे 2017 विस चुनावों में भाजपा के संगठन की हालत थी, वैसी ही हालत वर्तमान में भी बनी हुई है या यूं कहें कि उससे भी बुरी हो चुकी है।  प्रदेश में भाजपा की सरकार है और सुजानपुर में कांग्रेस का विधायक राजेन्द्र राणा है। भाजपा मंडल अध्यक्ष वीरेंदर ठाकुर ने कहा है कि नगर पंचायत सुजानपुर में भाजपा समर्थित पार्षद जीतने का बावजूद अध्यक्ष पद सहमति न बन पाने के कारण एक असन्तुष्ट पार्षद द्वारा वोट न डालने से नगर परिषद में अध्यक्ष भाजपा का नहीं बन पाया क्योंकि असंतुष्ट पार्षद ने पहले ही कह दिया था कि अगर उसे अध्यक्ष पद का उम्मीदवार नहीं बनाया गया तो वह पार्टी का साथ नहीं देगा। यहीं पर कांग्रेस ने चालाकी दिखा कर अध्यक्ष पद पर अपना उम्मीदवार तो बैठा दिया लेकिन चालाकी दिखा कर भी कांग्रेसी उपाध्यक्ष पद पर अपने ही उम्मीदवार को बाहर का रास्ता दिखा दिया।  यहां पर एक बात और गौर करने वाली है कि गत 3 बर्षो से भाजपा की सरकार है और सुजानपुर में कांग्रेस के विधायक राजेन्द्र राणा है। विधानसभा चुनावों के बाद राणा ने नगर परिषद चुनावों में भी राणा ने भाजपा को सोचने पर विवश कर दिया है। विधायक राजेन्द्र राणा ने अपनी चालक व चतुर रणनीति से भाजपा को मात दे दी है और सुजानपुर नगर परिषद में अपने बलबूते अपना अध्यक्ष बना लिया है।

भाजपा की नाकामी के कारण

भाजपा का संगठन अपनी सरकार में भी लोगों के काम नहीं करवा रहे हैं जिसके चलते लोग भाजपा से नाराज है। पहले तो चुनावों के समय भाजपा का संगठन सुजानपुर नगर परिषद में सही कैंडीडेट नहीं दे पाया और 9 सीटों में से सिर्फ 4 पर ही जीत दर्ज कर पाया। कांग्रेस विपक्ष में होते हुए भी 4 सीटें जीत गई। एक आजाद प्रत्याशी ने जीत दर्ज कर ली। सुजानपुर भाजपा के संगठन ने चुनाव नतीजे आने के तुरतं बाद बिना सोचे समझे बिना स्टीक रणनीति के बगैर आजाद पार्षद को उठाकर समीरपुर ले गए और वहां पर पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल के समक्ष पार्टी ज्वाइन करवा दी। भाजपा ने ये भी दावा कर दिया कि सुजानपुर में भाजपा की नगर परिषद बनेगी। लेकिन जब गत दिवस अध्यक्ष व उपाध्यक्ष का चुनाव हुआ तो कांग्रेस का अध्यक्ष बन गया और जो आजाद पार्षद बना था वे उपाध्यक्ष बन गया। यानि भाजपा सुजानपुर नगर परिषद में खाली की खाली ही रह गई। हालांकि भाजपा ने आजाद पार्षद को भाजपा में शामिल करवा कर ये जरूर दावा किया है कि उपाध्यक्ष उनका है लेकिन उपाध्यक्ष कब तक भाजपा का रहेगा ये तो भाजपा को भी पता है। यानि अब फिर से सुजानपुर नगर परिषद में गत 5 वर्षोे की भांति ही अगले 5 वर्षो में भी कुर्सी की खींचातान बनी रहेगी।

भाजपा ने साथ नहीं दिया लेकिन मैं भाजपा का : पवन

नगर परिषद सुजानपुर के नवनिर्वाचित उपाध्यक्ष व आजाद पार्षद बने पवन कुमार का कहना है कि वे फिलहाल भाजपा के साथ हैं क्योंकि उन्होंने सरकार के साथ रह कर सुजानपुर का विकास करवाना है। उन्होंने कहा कि चुनावों के समय उनका भाजपा ने कोई साथ नहीं दिया है लेकिन अब वे भाजपा में हैं। उन्होंने कहा कि नगर परिषद चुनावों में भाजपा व कांग्रेस का पिछडऩे का कारण दोनों ही पार्टियों में तनातनी की स्थिति बनी हुई है। यही कारण है कि लोगों ने उन्हें आजाद जिताया है।

क्या बोले विधायक राजेंद्र राणा

विधायक सुजानपुर राजेंद्र राणा ने बताया कि प्रदेश सरकार को जनता के सामने यह स्पष्ट करना चाहिए कि उनकी पार्टी के ऐसे कौन से नेता हैं जो सत्ता प्रायोजित गुंडागर्दी को बढ़ावा देकर न केवल सरकार की इमेज को तार-तार कर रहे हैं बल्कि जनता के चुने हुए विधायक गरिमा को भी ठेस पहुंचा रहे हैं। ऐसा चेहरा सुजानपुर की जनता ने लगातार तीसरी बार देखा है। प्रदेश सरकार आत्मसमर्पण के मुद्रा में क्यों खड़ी है।

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