एक दशक पुराने चोरी के मामले में एक और उद्घोषित अपराधी गिरफ्तार

Edited By Vijay, Updated: 24 Jan, 2021 10:04 PM

proclaimed offender arrested in case of theft

एक दशक पुराने चोरी के मामले में संलिप्त एक और उद्घोषित अपराधी को पीओ सैल बिलासपुर ने धर दबोचा है। गिरफ्तार किया गया उद्घोषित अपराधी बाबा उर्फ दयानंद हरियाणा राज्य के सोनीपत जिला का रहने वाला है। उसके खिलाफ वर्ष 2009 में थाना सदर में एक चोरी की घटना...

बिलासपुर (प्रकाश): एक दशक पुराने चोरी के मामले में संलिप्त एक और उद्घोषित अपराधी को पीओ सैल बिलासपुर ने धर दबोचा है। गिरफ्तार किया गया उद्घोषित अपराधी बाबा उर्फ दयानंद हरियाणा राज्य के सोनीपत जिला का रहने वाला है। उसके खिलाफ वर्ष 2009 में थाना सदर में एक चोरी की घटना में संलिप्त होने का केस दर्ज किया गया था। दयानंद पिछले 12 वर्षों से किसी भी पेशी पर हाजिर नहीं हुआ था, जिसके चलते न्यायालय द्वारा उसे वर्ष 2017 में उद्घोषित अपराधी घोषित किया गया था। इसी मामले में संलिप्त एक अन्य उद्घोषित अपराधी संदीप को भी पीओ सैल ने गत 20 जनवरी को रोहतक से गिरफ्तार किया था। पीओ सैल के प्रभारी दौलत राम ने बताया कि उन्हें सूचना मिली थी कि आरोपी बाबा उर्फ दयानंद इन दिनों सोनीपत जिला के गोहना बाजार में रह रहा है। सूचना पर उन्होंने अपनी टीम के राकेश कुमार व रविंद्र कुमार के साथ दबिश दी और आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।

यह था मामला

जानकारी के अनुसार वर्ष 2009 के अप्रैल महीने में बिलासपुर पुलिस ने आरोपी दयानंद व संदीप को गहनों के साथ पकड़ा था। जब अखबार में यह घटना प्रकाशित हुई तो मंडी जिला की एक महिला ने अपने पति के साथ आकर एक शिकायत सदर थाना में दर्ज करवाई। पुलिस को दी शिकायत में महिला ने बताया था कि वह अपने पति व बच्चों के साथ झंडूता के बढोली कलां में अपने रिश्तेदार की शादी में  गए थी। वह अपने साथ जेवरात भी शादी में साथ ले गई थी। शादी से फारिग होने के बाद उसने सभी सोने के गहनों को अपने बैग के अंदर कपड़ों के नीचे ज्वैलरी पर्स में रखा था। घर वापस जाते समय उन्होंने भगेड़ से एक प्राइवेट बस घाघस के लिए ली। बस में काफी भीड़ होने के कारण उनका सामान कंडक्टर ने बस की छत पर रख दिया। जब वह घाघस में बस से नीचे उतरी तो उन्होंने देखा कि बैग की चेन थोड़ी खुली हुई थी। इसके बाद उन्होंने बैग को चैक किया तो पाया कि बैग में रखे हुए सभी गहने गायब थे। जब उन्होंने इस बारे में बस ड्राइवर व कंडक्टर से पूछताछ की तो उन्हें इस बारे में कोई भी बात मालूम नहीं थी। इसके बाद महिला की शिकायत पर पुलिस ने केस दर्ज कर मामले की तफ्तीश की और आरोपी को न्यायालय में पेश किया। मामले की पेशियों के लिए न्यायालय द्वारा आरोपी को बार-बार सम्मन, वारंट व नोटिस जारी किए जाते रहे लेकिन आरोपी न्यायालय में पेश नहीं हुआ, जिस पर आरोपी को वर्ष 2017 में उद्घोषित अपराधी घोषित कर दिया गया।

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