Himachal: निजी बस ऑप्रेटर्ज ने फिर उठाई मांग, 20 रुपए किया जाए न्यूनतम किराया

Edited By Vijay, Updated: 10 Nov, 2024 05:28 PM

private bus operators again raised the demand minimum fare should be rs 20

हिमाचल में एक बार फिर से बसों में न्यूनतम किराया बढ़ाने की मांग उठी है। प्रदेश के निजी बस ऑप्रेटर्ज ने सरकार से बसों में न्यूनतम किराया बढ़ाने को लेकर विचार करने की मांग की है ताकि निजी बस ऑप्रेटर्ज अपनी रोजी-रोटी कमा सकें।

शिमला (राजेश): हिमाचल में एक बार फिर से बसों में न्यूनतम किराया बढ़ाने की मांग उठी है। प्रदेश के निजी बस ऑप्रेटर्ज ने सरकार से बसों में न्यूनतम किराया बढ़ाने को लेकर विचार करने की मांग की है ताकि निजी बस ऑप्रेटर्ज अपनी रोजी-रोटी कमा सकें। हिमाचल प्रदेश निजी बस ऑप्रेटर्ज संघ के अध्यक्ष राजेश पराशर, महासचिव रमेश कमल, जिला निजी बस ऑप्रेटर्ज अध्यक्ष कांगड़ा से रवि दत्त शर्मा, चम्बा से मनोज केशव, हमीरपुर से विजय ठाकुर, कुल्लू से रजत जम्वाल, मंडी से गुलशन नंदा और हंस ठाकुर, बिलासपुर से राजेश पटियाल, सिरमौर से बलविंदर सिंह व शिमला से रोशन लाल कमल ने संयुक्त बयान में कहा कि पूरे भारत में न्यूनतम बस किराया 15 रुपए से अधिक है जबकि हमारे पड़ोसी राज्य पंजाब में 12 वर्षों से न्यूनतम बस किराया 5 रुपए था, जिसे पंजाब सरकार ने 6 माह पहले बढ़ाकर 15 रुपए कर दिया है जबकि हमारा प्रदेश पहाड़ी क्षेत्र है। ऑप्रेटर्ज सरकार से आग्रह करते हैं कि पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण प्रदेश में न्यूनतम बस किराया 20 रुपए निर्धारित किया जाए ताकि बसों का रखरखाव सही तरीके से किया जा सके। 

प्राइवेट बसों में भी देंगे महिलाओं को छूट, हमें भी दें 170 करोड़ का अनुदान
बस ऑप्रेटर्ज ने कहा कि एचआरटीसी की बसों में महिलाओं को 50 प्रतिशत किराए में छूट का प्रावधान किया है और उसके एवज में प्रदेश सरकार हिमाचल पथ परिवहन निगम को 170 करोड़ रुपए का अनुदान दे रही है। इस प्रक्रिया से प्रदेश में निजी बस ऑप्रेटर्ज की बसों में सवारी का अत्यंत अभाव हो गया है। हमारा प्रदेश सरकार से आग्रह है कि अगर सरकार महिलाओं को स्पैशल सुविधा देना चाहती है तो वह सुविधा निजी बस ऑप्रेटर्ज भी देने के लिए तैयार हैं परंतु जिस प्रकार हिमाचल पथ परिवहन निगम को महिलाओं को किराए में 50 प्रतिशत छूट के एवज में 170 करोड़ रुपए का अनुदान दिया जाता है इस तर्ज पर हिमाचल प्रदेश के निजी बस ऑप्रेटर्ज को भी मुआवजा दिया जाए या इस छूट को बंद किया जाए।

जेएनएनआरयूएम की बसों के अवैध संचालन पर भड़के ऑप्रेटर्ज
संघ ने निगम की ओर से जेएनएनआरयूएम की ओर से अवैध रूप से चलाई जा रही बसों का भी विरोध किया है। संघ प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि प्रदेश उच्च न्यायालय ने परिवहन विभाग और निगम को आदेश दिया था कि केंद्र सरकार की स्कीम के तहत आई जेएनएनआरयूएम की बसों को प्रदेश में केंद्र सरकार द्वारा स्वीकृत 13 कलस्टर के बाहर नहीं चलाएंगे, लेकिन परिवहन विभाग और निगम द्वारा बसों को प्रदेश में लंबी दूरी के परमिट और अंतर्राज्यीय रूटों पर पठानकोट, होशियारपुर, चंडीगढ़, अंबाला, कालका और कांगड़ा से परवाणू के लिए वाया नंगल, कीरतपुर रूटों पर धड़ल्ले से चलाया जा रहा था, जिस पर ऑप्रेटर्ज ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, जिसके बाद बसों का संचालन बंद हुआ था। निगम दोबारा से इन बसों को अंतर्राज्यीय रूट और लंबी दूरी के रूट पर चला रहा है।
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