Edited By Vijay, Updated: 31 Jul, 2023 11:42 PM

हत्या के मामले में दोषी करार देते हुए एक पुलिस कर्मी को सोलन के जिला एवं सत्र न्यायाधीश वीरेंद्र शर्मा की अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इसके अलावा उसे 10 हजार रुपए जुर्माना भी किया गया है।
सोलन (अमित): हत्या के मामले में दोषी करार देते हुए एक पुलिस कर्मी को सोलन के जिला एवं सत्र न्यायाधीश वीरेंद्र शर्मा की अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इसके अलावा उसे 10 हजार रुपए जुर्माना भी किया गया है। जुर्माना अदा न करने पर दोषी को अतिरिक्त सजा काटनी होगी। वहीं हत्या के इस मामले में दो अन्य आरोपियों को साक्ष्यों के अभाव में बरी कर दिया गया है।
मामले की सरकार की ओर से पैरवी करने वाले जिला न्यायवादी महेंद्र शर्मा ने बताया कि 22 अक्तूबर, 2020 को जगोटा गांव के 5 युवक कुलदीप, दलीप कुमार, लक्की, हरीश और नरेश कुमार हरिपुर में एक विवाह समारोह में शामिल होने जा रहे थे। जैसे ही वे हरिपुर स्कूल के मैदान में पहुंचे तो उसी समय एक कार वहां आकर रुकी। कार से 3 लोग महेंद्र, राजू और मनीराम उतरे और उनके साथ बहसबाजी करने लगे कि उन्होंने नशा किया है। हालांकि सभी युवकों ने इसका विरोध किया और कहा कि उनका मेडिकल करवा लिया जाए। इसी बीच पुलिस कर्मी मनीराम ने नरेश कुमार को गर्दन से पकड़ा और थप्पड़ मार दिया। बात यहीं खत्म हो गई और सभी अपने-अपने घर चले गए।
उसके 2 दिन बाद 24 अक्तूबर, 2020 को सायं करीब 6 बजे कुलदीप कुमार जब अपने घर जा रहा था तो उसने देखा कि 2 दिन पहले उनके साथ झगड़ा करने वाले तीनों लोग जगोटा मोड़ पर शराब का सेवन कर रहे हैं। इसी बीच सुख देव, कुलदीप, सिरीराम, नरेश आदि एकत्रित होकर जगोटा मोड़ पहुंचे और पुलिस कर्मी होने के बावजूद सार्वजनिक जगह पर शराब का सेवन करने पर आपत्ति जाहिर की। इतना सुनते ही पुलिस कर्मी मनीराम तैश में आ गया और कार से चाकू निकाल कर लाया और सुखदेव के पेट में 2 बार घोंप दिया।
बीच-बचाव करने आए सिरीराम और कुलदीप पर भी उसने चाकू से हमला कर उन्हें घायल कर दिया। घायल सिरीराम आरोपी मनीराम की कार की ओर भागा और देखा कि उसमें चाबी लगी हुई है। सिरीराम ने कार में घायल सुखदेव व कुलदीप को बिठाया और कुनिहार अस्पताल पहुंचा दिया, लेकिन सुखदेव की मौत हो गई। आरोपियों के खिलाफ धर्मपुर थाना में मामला दर्ज किया गया था। मंगलवार को जिला एवं सत्र न्यायाधीश वीरेंद्र शर्मा की अदालत ने आरोपी पुलिसकर्मी मनीराम निवासी पट्टा-बरौरी को दोषी करार देते हुए उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई, जबकि साक्ष्यों के अभाव में दो अन्य आरोपियों को बरी कर दिया गया।
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