Edited By Kuldeep, Updated: 19 Aug, 2024 07:27 PM
पैराग्लाइडरों के लिए एसआईवी कोर्स की मान्यता अनिवार्य होने के बाद विभाग अब एसआईवी कोर्स को उत्तीर्ण करने वाले अभ्यार्थियों की सूची बनाने में जुट गया है।
धर्मशाला (जिनेश): पैराग्लाइडरों के लिए एसआईवी कोर्स की मान्यता अनिवार्य होने के बाद विभाग अब एसआईवी कोर्स को उत्तीर्ण करने वाले अभ्यार्थियों की सूची बनाने में जुट गया है तथा जल्द एसआईवी कोर्स को उत्तीर्ण करने वाले पैराग्लाइडर पायलटों के नाम पर्यटन विभाग जारी कर देगा। इसके बाद एसआईवी कोर्स पास करने वाले ही पैराग्लाइडर पैराग्लाइडिंग कर सकेंगे। पैराग्लाइडर पायलटों की सुरक्षा के लिए पैराग्लाइडिंग एसोसिएशन ने कुछ मानक दिए हैं जो पैराग्लाइडिंग करने वाले पायलटों के लिए अनिवार्य कर दिए गए हैं।
इसी की तर्ज पर हिमाचल में भी पैराग्लाइडिंग पायलटों को यह कोर्स करना अनिवार्य कर दिया था। ऐसे में जिला कांगड़ा से भी कुछ पायलटों ने एसआईवी कोर्स को उत्तीर्ण किया है। जानकारी के अनुसार जिला कांगड़ा में 346 पायलट पंजीकृत है तथा 150 पैराग्लाइडर पायलटों ने यह एसआईवी टैस्ट दिया था। माउंटेन संस्थान मनाली द्वारा इसका परिणाम जारी कर दिया गया था, लेकिन विभाग को असमंजस की स्थिति पैदा हो गई थी कि प्रदेश भर से पायलटों द्वारा पास किए गए एसआईवी टैस्ट के परिणाम में केवल अभ्यार्थियों के नाम व उनके फोन नंबर ही अंकित किए गए थे जिससे यह साफ नहीं हो पा रहा था कि कौन से पायलट ने टैस्ट को पास किया है।
वहीं इस असमंजस की स्थिति को साफ करने के लिए विभाग ने उक्त सभी पायलटों की पूरी जानकारी संस्थान से मांगी थी। पायलटों की जानकारी मिलने के बाद अब विभाग छंटनी कतरने में जुटा है तथा अंतिम परिणाम को विभाग एक से 2 दिन में जारी कर देगा तथा वहीं पायलट पैराग्लाइडिंग कर पाएंगे जिन्होंने इस टैस्ट को उत्तीर्ण किया होगा। पर्यटन विभाग कांगड़ा के उप निदेशक विनय धीमान ने बताया कि एसआईवी कोर्स किए हुए पायलट ही अब पैराग्लाइडिंग कर पाएंगे। पायलटों की सुरक्षा को देखते हुए यह कदम उठाया गया है। जिला कांगड़ा से 150 पायलटों ने एसआईवी कोर्स के लिए आवेदन किया था एक 2 दिन में पता चल जाएगा कि कितने पायलटों ने कोर्स को उत्तीर्ण किया है बाकी पायलटों के लाइसैंस रद्द हो जाएंगे।
क्या होता है एसआईवी कोर्स
एसआईवी यानी सेमुलेशन इंसीडैंट एन वॉल्यूम कोर्स में उड़ान में अस्थिर स्थितियों का अभ्यास किया जाता है। जहां पर पैराग्लाइडर पायलटों को अपने पैराग्लाइडर को विकट परिस्थितियों संभालने के तरीके और अस्थिर स्थितियों में सही नियंत्रण करने का प्रशिक्षण दिया जाता है।
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