Edited By Vijay, Updated: 25 Jul, 2025 04:55 PM

खराहल घाटी में प्रस्तावित बिजली महादेव रोपवे प्रोजैक्ट के खिलाफ शुक्रवार को कुल्लू जिले में जोरदार विरोध प्रदर्शन देखने को मिला। रामशिला से लेकर ढालपुर तक निकाली गई एक विराेध रैली निकाली गई....
कुल्लू (दिलीप): खराहल घाटी में प्रस्तावित बिजली महादेव रोपवे प्रोजैक्ट के खिलाफ शुक्रवार को कुल्लू जिले में जोरदार विरोध प्रदर्शन देखने को मिला। रामशिला से लेकर ढालपुर तक निकाली गई एक विराेध रैली निकाली गई, जिसमें सैंकड़ों की संख्या में ग्रामीणाें, महिलाओं, बुजुर्गाें और युवाओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। यह रैली रामशिला से शुरू होकर अखाड़ा बाजार, ब्यासा मोड़, सरवरी, लोअर ढालपुर होते हुए डीसी कार्यालय तक पहुंची। इस दौरान "बिजली महादेव की जय", "रोपवे नहीं चाहिए" जैसे नारों से पूरा कुल्लू गूंज उठा। प्रदर्शनकारियों ने डीसी कार्यालय तक पहुंचकर सरकार से इस प्रोजैक्ट को रद्द करने की मांग की। इस विरोध प्रदर्शन की अगुवाई बिजली महादेव रोपवे संघर्ष समिति ने की। समिति का कहना है कि यह परियोजना न केवल पर्यावरण को नुक्सान पहुंचाएगी, बल्कि स्थानीय लोगों की धार्मिक भावनाओं और सदियों पुरानी देव परंपराओं को भी ठेस पहुंचाएगी।

धार्मिक स्थल को न बनाएं पर्यटन स्थल
संघर्ष समिति और स्थानीय लोगों की स्पष्ट मांग है कि बिजली महादेव जोकि एक पवित्र देवस्थल है, उसे पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की कोशिश नहीं की जानी चाहिए। समिति के अध्यक्ष सुरेश नेगी ने कहा कि यह सिर्फ एक आंदोलन नहीं, हमारी आस्था और संस्कृति की रक्षा का प्रयास है। यहां देव कार्यों के दौरान आवाजाही पर रोक लगाई जाती है। उन्हाेंने सवाल किया कि रोपवे बनने के बाद क्या कोई कंपनी इन परंपराओं का सम्मान करेगी? वहीं रैली में शामिल एक महिला मनी देवी ने कहा कि बिजली महादेव हमारे आराध्य हैं। यहां पेड़ों की कटाई और पर्यावरण को नुक्सान पहुंचाकर रोपवे बनाना देवता की अवहेलना है। सरकार को चाहिए कि वो देववाणी और जनता की भावनाओं का सम्मान करे।
राजनीति से ऊपर उठकर हुआ आंदोलन, मंच पर भावुक हुए महेश्वर सिंह
इस आंदोलन में कोई दलगत राजनीति नहीं दिखी। दिलचस्प बात यह रही कि भाजपा समर्थकों सहित विभिन्न राजनीतिक दलों से जुड़े लोग भी इस रैली में शामिल हुए। रैली में पूर्व विधायक व पूर्व सांसद महेश्वर सिंह की उपस्थिति ने आंदोलन को और भी मजबूती दी। उन्होंने कहा कि जब इतनी बड़ी संख्या में जनता और महिलाएं विरोध में खड़ी हैं, तो हम कैसे आंखें मूंद सकते हैं? इस दौरान मंच पर उनका भावुक होना लोगों के बीच चर्चा का विषय बना रहा।
व्यापारियों ने दिया समर्थन
शहर के व्यापारियों ने भी संघर्ष समिति का साथ दिया। व्यापार मंडल के विरोध के बावजूद कई दुकानदारों ने अपने प्रतिष्ठान स्वेच्छा से बंद रखे और रैली में शामिल हुए। संघर्ष समिति ने व्यापारियों का आभार जताते हुए कहा कि यह समर्थन दर्शाता है कि यह सिर्फ एक क्षेत्रीय मुद्दा नहीं, बल्कि देवभूमि की अस्मिता का प्रश्न है।
संघर्ष समिति ने दी चेतावनी
संघर्ष समिति के अनुसार बिजली महादेव में देव वाणी साफ कहती है कि रोपवे नहीं चाहिए। यदि जबरदस्ती यह परियोजना थोपने की कोशिश की गई, तो इसका परिणाम पूरा प्रदेश भुगतेगा। संघर्ष समिति के अध्यक्ष सुरेश नेगी ने चेतावनी दी कि समिति तब तक शांत नहीं बैठेगी जब तक रोपवे योजना को पूरी तरह से रद्द नहीं किया जाता।