Chamba: रंजनी स्कूल में अध्यापक न होने के चलते अभिभावकों ने नहीं भेजे बच्चे, दी प्रदर्शन की चेतावनी

Edited By Jyoti M, Updated: 12 Sep, 2024 02:46 PM

parents did not send their children to ranjani school due to lack of teachers

राजकीय प्राथमिक पाठशाला रंजनी में अध्यापक न होने से बच्चों की पढ़ाई को प्रभावित होता देख अभिभावकों ने अपने बच्चे स्कूल नहीं भेजे जिस कारण बुधवार को स्कूल में एक भी बच्चा नहीं आया।

हिमाचल डेस्क, (शक्ति): राजकीय प्राथमिक पाठशाला रंजनी में अध्यापक न होने से बच्चों की पढ़ाई को प्रभावित होता देख अभिभावकों ने अपने बच्चे स्कूल नहीं भेजे जिस कारण बुधवार को स्कूल में एक भी बच्चा नहीं आया। स्कूल में एक भी बच्चा न आने पर केंद्रीय प्राथमिक पाठशाला भांदल के केंद्रीय मुख्य शिक्षक धर्म चंद रंजनी स्कूल गए और अभिभावकों को समझाया लेकिन अभिभावक नहीं माने और अपने फैसले पर अडिग रहे। हालांकि विभाग ने अन्य स्कूल से अध्यापक की प्रतिनियुक्ति कर स्कूल को सुचारू रखा है।

बीते मंगलवार को एस.एम.सी. अध्यक्ष सरोज कुमारी के नेतृत्व में स्कूल प्रबंधन समिति और अभिभावकों की बैठक हुई। बैठक में स्कूल में कोई भी स्थायी अध्यापक न होने पर सभी ने एकजुट निर्णय लिया कि जब तक स्कूल में स्थायी अध्यापक तैनात नहीं किया जाता तब तक अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजेंगे। एस.एम.सी. अध्यक्ष सरोज कुमारी और समिति सदस्यों ममता देवी, दर्शना, छंगी, सरोज देवी व अशोक कुमार ने बताया कि राजकीय प्राथमिक पाठशाला रंजनी में प्री प्राइमरी सहित 55 बच्चे शिक्षा ग्रहण करते हैं।

स्कूल में दो अध्यापक तैनात थे। सरकार ने एक अध्यापक का मार्च 2024 में अन्य स्कूल में तबादला किया जबकि अगस्त 2024 में स्कूल के एक और अध्यापक की पदोन्नति होने से उन्हें अन्य स्कूल में तैनात किया। वर्तमान में स्कूल बिना अध्यापक के है। हालांकि विभाग ने अन्य स्कूलों से एक एक सप्ताह अध्यापक की प्रतिनियुक्ति कर कामचलाऊ नीति रखी।

इससे जिस स्कूल से अध्यापक की प्रतिनियुक्ति की उस स्कूल और जिस स्कूल में प्रतिनियुक किया उन दोनों स्कूलों के बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है क्योंकि बच्चों को हर सप्ताह अलग-अलग अध्यापकों से शिक्षा ग्रहण करने में मुश्किल हो रही है। उन्होंने बताया कि काम चलाऊ नीति के चलते बच्चों का भविष्य अंधकारमय हो रहा है। अगर सरकार और शिक्षा विभाग जल्द स्कूल में स्थायी अध्यापक की नियुक्ति नहीं करते हैं तो वे आंदोलन करने से भी गुरेज नहीं करेंगे। 

जगदीश चंद शर्मा, खंड प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी, सलूणी ने कहा कि रंजनी स्कूल में अभिभावकों द्वारा बच्चे न भेजने का मामला ध्यान में आने पर भांदल स्कूल के केंद्रीय मुख्य शिक्षक को मौके का जायजा लेने के निर्देश दिए। केंद्रीय मुख्य शिक्षक की ओर से रिपोर्ट मिली कि वह स्कूल में गए और अभिभावकों को समझाने का प्रयास किया मगर वे नहीं माने। वह वीरवार को स्वयं स्कूल जाएंगे, साथ ही इस बाबत अपने उच्चाधिकारी से बात की है, उनकी ओर से आश्वस्त किया है कि शीघ्र सहायक अध्यापक की स्कूल में तैनाती की जाएगी। 

7 दिनों में शिक्षकों की तैनाती न हुई तो होगा धरना प्रदर्शन व भूख हड़ताल

चम्बा, (रणवीर): सलूणी क्षेत्र की भांदल पंचायत की प्राथमिक पाठशाला रंजनी में शिक्षकों की कमी से नौनिहालों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। स्कूल में मौजूदा समय में 56 विद्यार्थी पढ़ाई कर रहे हैं। ऐसे में यहां 2 शिक्षकों की कमी है। इस बारे में कई बार एस.एम.सी. ने प्रस्ताव पारित करके शिक्षा विभाग को सौंपा है, लेकिन स्कूल में रिक्त पदों को नहीं भरा गया है। यह बात बुधवार को क्षेत्र के ग्रामीणों ने एस.एम.सी. सदस्यों के साथ मिलकर डी.सी. को ज्ञापन सौंपते हुए कही।

उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर 7 दिनों में शिक्षकों की तैनाती नहीं हुई तो वे बच्चों को स्कूल भेजना बंद कर देंगे तथा खुद धरना प्रदर्शन व भूख हड़ताल करेंगे जिसके लिए शिक्षा विभाग प प्रशासन जिम्मेदार होगा।

इस मौके पर एस.एम.सी. अध्यक्ष सरोज कुमारी, दर्शना, ममता, दुर्गा, जगदेव, संजय, सुरेश, संजय, चमन, अंजलि, भावना, रेखा, सोनू, पिंकी, लवली, शांति, चम्पा, अंजु, काजल, अंजु, अनु समेत अन्य मौजूद रहे। उधर, डी. सी. मुकेश रेप्सवाल ने बताया कि इस बारे में शिक्षा विभाग के अधिकारियों को अवगत करवाकर शिक्षकों की तैनाती करने के आदेश कर दिए गए हैं।

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