Edited By Vijay, Updated: 27 Jul, 2025 03:05 PM

जिला चम्बा के पांगी उपमंडल को हिमाचल प्रदेश का पहला प्राकृतिक खेती उपमंडल घोषित किए जाने पर क्षेत्र में उत्साह का माहौल है। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हिमाचल दिवस पर इस ऐतिहासिक निर्णय की घोषणा की थी....
चम्बा: जिला चम्बा के पांगी उपमंडल को हिमाचल प्रदेश का पहला प्राकृतिक खेती उपमंडल घोषित किए जाने पर क्षेत्र में उत्साह का माहौल है। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हिमाचल दिवस पर इस ऐतिहासिक निर्णय की घोषणा की थी, जिसे अब अधिसूचित कर दिया गया है। इस कदम से पारंपरिक कृषि पद्धतियों को संरक्षण मिलेगा और क्षेत्र में खाद्य सुरक्षा के साथ-साथ आजीविका के स्थायी साधन भी विकसित होंगे।
पांगी घाटी के धनवास गांव के निवासी राज कुमार ने कहा कि लोग इस निर्णय की लंबे समय से प्रतीक्षा कर रहे थे। उन्होंने बताया कि रासायनिक खेती से जमीन की उर्वरता घट रही थी और कई परिवारों ने पलायन कर अपनी जमीन लीज पर दे दी थी। अब इस फैसले से लोगों का रुझान अपने गांवों की ओर बढ़ेगा और पलायन पर रोक लगेगी।
वर्तमान में पांगी घाटी में करीब 2244 किसान परिवार रसायन-मुक्त खेती कर रहे हैं। सरकार की योजना है कि करीब 2920 हैक्टेयर कृषि भूमि को शत-प्रतिशत प्राकृतिक खेती में परिवर्तित किया जाए। किसानों को प्रशिक्षित करने और सहयोग प्रदान करने के लिए कृषि विभाग ने विस्तृत कार्य योजना तैयार की है, जो चरणबद्ध ढंग से लागू की जाएगी। गांव स्तर पर जागरूकता, प्रशिक्षण कार्यक्रम और खेतों में प्रत्यक्ष प्रदर्शन किए जाएंगे।
प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए पंचायत स्तर पर बॉयो इनपुट रिसोर्स सैंटर (बीआरसी) स्थापित किए जाएंगे, जहां बीजामृत, जीवामृत, दशपर्णी अर्क जैसे जैविक उत्पाद उपलब्ध कराए जाएंगे। जिन किसानों के पास पशु नहीं हैं, उन्हें विशेष प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। साथ ही पॉलीहाऊस, कोल्ड स्टोरेज जैसी अधोसंरचनाएं विकसित की जाएंगी।
सूरल पंचायत के प्रधान दीपक कुमार ने कहा कि यह कदम स्थानीय किसानों की आय बढ़ाने में सहायक होगा। प्राकृतिक खेती से उगाई गई फसलों को बेहतर बाजार और दाम मिलेंगे। उन्होंने मुख्यमंत्री का धन्यवाद करते हुए कहा कि पांगी की अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने में यह निर्णय मील का पत्थर साबित होगा।
प्रदेश सरकार लार्ज एरिया सर्टिफिकेशन योजना को भी लागू करेगी, जिससे पूरे गांवों को जैविक क्षेत्र के रूप में मान्यता मिलेगी। स्थानीय नेता, स्वयं सहायता समूह और युवा भी इस पहल से उत्साहित हैं। इससे जनजातीय क्षेत्रों में उद्यमिता, पारंपरिक बीजों का संरक्षण और कृषि संस्कृति को बल मिलेगा।
प्रदेश सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री सुक्खू के नेतृत्व में जनजातीय क्षेत्रों के विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है। मुख्यमंत्री स्वयं "सरकार गांव के द्वार" कार्यक्रम के तहत दूरदराज क्षेत्रों का दौरा कर लोगों की समस्याएं जान रहे हैं। पांगी को प्राकृतिक खेती उपमंडल बनाना इसी दूरदर्शिता का परिणाम है।