हिमाचल में इस तारीख को होगी टी बोर्ड ऑफ इंडिया की मीटिंग, महंगी हो सकती हैं चाय की चुस्कियां

Edited By Kuldeep, Updated: 19 Jul, 2024 06:37 PM

palampur kangra tea production meeting

देश में चाय उत्पादन का खाका इस बार हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के पालमपुर में खींचा जाएगा। टी बोर्ड ऑफ इंडिया की बैठक पालमपुर में आयोजित की जा रही है।

पालमपुर: देश में चाय उत्पादन का खाका इस बार हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के पालमपुर में खींचा जाएगा। टी बोर्ड ऑफ इंडिया की बैठक पालमपुर में आयोजित की जा रही है। लगभग डेढ़ दशक बाद बैठक होने जा रही है। बैठक में टी बोर्ड ऑफ इंडिया के अध्यक्ष, मुख्य कार्यकारी अधिकारी तथा देशभर से टी बोर्ड ऑफ इंडिया के सदस्य भाग लेंगे। टी बोर्ड ऑफ इंडिया की इस बैठक को न केवल देश के चाय परिदृश्य अपितु कांगड़ा चाय उद्योग के लिए भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। वर्तमान में देशभर में चाय उत्पादक संकट के दौर से गुजर रहे हैं तो कांगड़ा चाय उद्योग पहले से ही संकट में है।

देशभर में चाय उत्पादन लुढ़का
देश के चाय उत्पादक क्षेत्रों असम, पश्चिम बंगाल, दार्जीलिंग तथा कांगड़ा में इस बार मौसम ने चाय उत्पादन के आंकड़े को औंधे मुंह गिरा दिया है। अत्यधिक गर्मी के कारण तापमान में वृद्धि तथा बारिश न होने के कारण असम, पश्चिम बंगाल तथा दार्जीलिंग जैसे चाय उत्पादक क्षेत्रों में वर्ष का पहला तथा दूसरा उत्पादन प्रभावित हुआ है जिस कारण उत्पादकों को राजस्व हानि हुई है। एक आकलन के अनुसार इस बार इन क्षेत्रों में 6 करोड़ किलोग्राम कम चाय उत्पादित होगी। ऐसे में इसका प्रभाव चाय के मूल्य पर भी पड़ेगा।

कांगड़ा चाय उद्योग का उत्पादन भी रहा कम
कांगड़ा चाय उद्योग के प्राइम अप्रैल तोड़ को भी मौसम ने प्रभावित किया है। देश के अन्य चाय उत्पादक क्षेत्र से हटकर कांगड़ा का अप्रैल तोड़ उत्पादकों के लिए आर्थिक रूप से लाभप्रद रहता है। ऑर्थोडॉक्स कांगड़ा चाय की मांग विश्व भर में सबसे अधिक रहती है, ऐसे में चाय उत्पादकों को इसके अच्छे दाम भी मिल जाते हैं परंतु इस बार अप्रैल तोड़ के प्रथम माह में लगभग 100000 किलोग्राम कम उत्पादन प्राप्त हुआ तो उसके पश्चात भी सूखे की स्थिति के कारण गत वर्ष में माह के अंत तक 317000 किलोग्राम चाय उत्पादन हुआ था जो इस वर्ष से घट कर दो लाख 20000 किलोग्राम रह गया। सूखे की स्थिति बनी रहने के कारण जून में भी लगभग 100000 किलोग्राम उत्पादन कम प्राप्त हुआ है। गत वर्ष जून माह के अंत तक जहां कुल 490000 किलोग्राम चाय उत्पादित हुई थी वहां इस बार यह आंकड़ा लगभग 2 लाख 90000 किलोग्राम पर ही सिमट गया है।

चाय की चुस्कियां हो सकती हैं महंगी
पालमपुर में होने जा रही टी बोर्ड ऑफ इंडिया की बैठक में चाय के मूल्य को लेकर भी मंथन होगा। बताया जा रहा है कि टी बोर्ड ऑफ इंडिया द्वारा चाय के मूल्य को लेकर एक कमेटी का गठन कुछ समय पहले किया गया था तथा कमेटी द्वारा चाय के मूल्य को लेकर एक ड्राफ्ट तैयार किया गया है। इस ड्राफ्ट को भी पालमपुर की बैठक में रखा जाएगा। चाय उत्पादन में इस वर्ष कमी के कारण चाय की चुस्कियां महंगी हो सकती हैं। वही देश भर के चाय उत्पादक क्षेत्र तथा कांगड़ा चाय के ऑप्शन पर भी इस बैठक में महत्वपूर्ण चर्चा होगी।

सदस्य टी बोर्ड ऑफ इंडिया विनय शर्मा ने कहा कि टी बोर्ड ऑफ इंडिया की बैठक 9 अगस्त को पालमपुर में आयोजित की जाएगी। कांगड़ा चाय उद्योग के लिए यह बैठक महत्वपूर्ण है। लंबे समय पश्चात पालमपुर में टी बोर्ड ऑफ इंडिया की बैठक होने जा रही है। ऐसे में कांगड़ा चाय उद्योग को लेकर इस बैठक में विशेष रूप से चिंतन-मंथन किया जाएगा। बैठक को पालमपुर में करवाने के लिए बोर्ड ऑफ इंडिया के अध्यक्ष के समक्ष आग्रह किया गया था जिसके पश्चात यह बैठक की जा रही है।

उपनिदेशक टी बोर्ड ऑफ इंडिया राकेश कुमार का कहना कि टी बोर्ड ऑफ इंडिया की 250वीं बैठक पालमपुर में आयोजित की जा रही है इस बैठक में टी बोर्ड ऑफ इंडिया के अध्यक्ष, डिप्टी चेयरमैन तथा अन्य सदस्य भाग लेंगे। बैठक में देश भर के चाय उत्पादक क्षेत्रों के वर्तमान परिदृश्य पर चर्चा होगी। कांगड़ा चाय उद्योग को लेकर भी बैठक में चर्चा होगी।

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