पालमपुर के बगौड़ा में एसडीआरएफ खुलने का रास्ता साफ, 105 कनाल भूमि हुई स्थांनातरित

Edited By Rajneesh Himalian, Updated: 02 Feb, 2022 12:47 PM

opening of sdrf in bagoda of palampur cleared

भूगौलिक दृष्टि से राज्य का सबसे बड़े जिला कांगड़ा आपदाओं से निपटने के लिए आधारभूत सरंचना को सुदृढ़ करने में निरंतर आगे बढ़ रहा है।

धर्मशाला (ब्यूरो): भूगौलिक दृष्टि से राज्य का सबसे बड़े जिला कांगड़ा आपदाओं से निपटने के लिए आधारभूत सरंचना को सुदृढ़ करने में निरंतर आगे बढ़ रहा है। राज्य में एन.डी.आर.एफ. की पहली बटालियन कांगड़ा जिला के नूरपुर में स्थापित हुई है। अब राज्य की पहली राज्य आपदा रिलीफ फोर्स (एसडीआरएफ) बटालियन का भी कांगड़ा जिला के पालमपुर के बगौड़ा में खुलने का रास्ता साफ हो गया है। बगौड़ा में 105 कनाल के करीब भूमि एस.डी.आर.एफ. के लिए स्थानंतरित हो गई है जबकि एन.डी.आर.एफ. नूरपुर बटालियन में निर्माण कार्यों के लिए चार करोड़ 50 लाख की राशि भी स्वीकृत की गई है। यहां पर फेब्रिकेटिड स्ट्रक्चर निर्माण के लिए रोप-वे सिस्टम डिवल्मेंट कार्पोरेशन द्वारा खाका तैयार किया जा रहा है। इस के लिए रोप-वे डिवल्पमेंट कार्पोरेशन को फंड उपलब्ध करवा दिए गए हैं। इसका जल्द ही निर्माण कार्य आरंभ हो जाएगा।
डी.सी. कांगड़ा डा. निपुण जिंदल ने कहा कि कांगड़ा जिला भूकंप की दृष्टि से संवदेनशील जोन में आता है, जिसके दृष्टिगत जिला में आपदा प्रबंधन को लेकर आधारभूत सुविधाएं जुटाने के लिए दूरगामी प्लान तैयार किया गया है। जिससे कि आपदा से होने वाले नुक्सान को कम किया जा सके। उन्होंने बताया कि प्रारंभिक चरण में स्वचालित मौसम स्टेशन कांगड़ा जिला के आवेरी, बीड़, खास, दरूग, नपोहता, कोहर खास, करनाथू तथा डंडेल में स्वचालित मौसम स्टेशन स्थापित किए गए हैं। इनके माध्यम से मौसम के पूर्व जानकारी उपलब्ध करवाई जाएगी। उन्होंने कहा कि अगले चरण में जिला के अन्य मौसम की दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्रों में भी स्वचालित मौसम स्टेशन स्थापित किए जाएंगे। आपदा प्रबंधन में यह मौसम स्टेशन काफी कारगर साबित होंगे।
किसी भी तरह की भारी बारिश, आंधी, तूफान इत्यादि के बारे में मौसम स्टेशन के उपकरणों के माध्यम से अलर्ट की सूचना जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के साथ-साथ संबंधित पंचायत प्रतिनिधियों तक भी पहुंचेगी ताकि मौसम के पूर्वानुमान के आधार पर आपदा प्रबंधन की तैयारियां की जा सकें। उन्होंने बताया कि कांगड़ा जिला प्रशासन तथा आई.आई.टी. मंडी के बीच भूकंप, भूस्खलन जैसी प्राकृतिक खतरों से बचाव तथा मॉनिटरिंग के लिए कांगड़ा जिला के दस विभिन्न स्थानों के लिए पूर्व चेतावनी प्रणाली तथा सिंथेटिक एपर्चर रडार आधारित कांगड़ा जिला का प्रोफाइल विकसित करने के लिए एम.ओ.यू. हस्ताक्षरित किया गया। उन्होंने कहा कि आपदा प्रबंधन की दृष्टि से आधारभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाने में कांगड़ा जिला पूरे प्रदेश का अग्रणी जिला बनकर उभरा है।

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