Edited By Ekta, Updated: 01 Jun, 2018 02:47 PM
एक बकरी, जिसे जो भी देखता है उसके मुहं से एक ही बात निकलती है। अरे बाप रे! ये बकरी तो शीशे खाती है। शीशे खाने वाली यह अद्भुत बकरी मंडी जिला के सुंदरनगर उपमंडल की ग्राम पंचायत कपाही के रोपड़ी गांव में है। 72 वर्षीय प्रेमी देवी 5 साल पहले इसको किसी से...
सुंदरनगर (नितेश सैनी): एक बकरी, जिसे जो भी देखता है उसके मुहं से एक ही बात निकलती है। अरे बाप रे! ये बकरी तो शीशे खाती है। शीशे खाने वाली यह अद्भुत बकरी मंडी जिला के सुंदरनगर उपमंडल की ग्राम पंचायत कपाही के रोपड़ी गांव में है। 72 वर्षीय प्रेमी देवी 5 साल पहले इसको किसी से खरीद कर लाई थी। एक दिन उसने देखा कि वह कांच के टुकड़ों को खा रही थी। प्रेमी देवी को यह देखकर हैरानी हुई और उसने उसको रोकने की कोशिश की लेकिन वह नहीं रूकी। इसके बाद उसके लिए यह रोजाना की बात हो गई।
देवी और उसके परिजनों के अनुसार उनकी यह बकरी घास कम और शीशे के टुकड़े अधिक खाती है। मेमनों को जन्म भी देती है और खुद भी पूरी तरह से हृष्ट-पुष्ट है। उसने बताया कि 72 वर्ष की उम्र तक उन्होंने कई पशु देखे लेकिन यह पहला मामला है जब कोई बकरी चबा-चबा कर कांच के टुकड़ों को खाती है। इस बकरी के चर्चे दूर-दूर तक हो चुके हैं और जो भी इसे देखने के लिए आता है वो इस करामात को देखकर दंग रह जाता है। हमने इस बारे में पशु विशेषज्ञों से भी बात की और यह जानने का प्रयास किया कि क्या ऐसे मामले उनके पास आते रहते हैं।
पशु चिकित्सालय सुंदरनगर में तैनात पशु चिकित्सक डा. रमेश ने बताया कि 35 वर्षों की नौकरी के दौरान उन्होंने ऐसा मामला कभी नहीं देखा। उन्होंने कहा कि यह जांच का विषय है कि बकरी खा रहे कांच को अपने पेट में रख रही है या फिर शौच के जरिए बाहर निकाल रही है। उन्होंने कहा कि कांच खाना बकरी के लिए हानिकारक है और इससे उसके गले में जख्म हो सकते हैं। उन्होंने उनकी मालकिन से बकरी को कांच या शीशे के टुकड़ों से दूर रहने की सलाह दी है। बकरी खा रहे कांच का क्या कर रही है यह सच में जांच का विषय है। क्योंकि कांच को खाना और उसे पचाना किसी भी पशु के लिए संभव नहीं है। यह अपने आप में एक अनोखा मामला है जो पशु चिकित्सकों के लिए खोज का विषय बन सकता है।