Edited By Jyoti M, Updated: 07 Aug, 2025 03:35 PM

डॉ. राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज, टांडा में अब ऑनलाइन पर्ची की सुविधा शुरू हो गई है। इसका मतलब है कि मरीजों को पर्ची बनवाने के लिए लंबी लाइनों में खड़े होने की जरूरत नहीं पड़ेगी। अब वे घर बैठे ही अपने मोबाइल फोन से पर्ची बना सकते हैं। इस नई सुविधा...
हिमाचल डेस्क। डॉ. राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज, टांडा में अब ऑनलाइन पर्ची की सुविधा शुरू हो गई है। इसका मतलब है कि मरीजों को पर्ची बनवाने के लिए लंबी लाइनों में खड़े होने की जरूरत नहीं पड़ेगी। अब वे घर बैठे ही अपने मोबाइल फोन से पर्ची बना सकते हैं। इस नई सुविधा से लोगों का समय बचेगा और उन्हें काफी सहूलियत मिलेगी।
कैसे काम करेगा यह सिस्टम?
यह सुविधा अभी तीन विभागों में शुरू हुई है: मेडिसिन, शिशु रोग और त्वचा रोग। मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने इसे एक पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू किया है। अगर यह सफल रहा, तो इसे जल्द ही बाकी सभी विभागों में भी लागू किया जाएगा।
ऑनलाइन पर्ची बनाने के लिए, मरीजों को अपने मोबाइल फोन पर 'सुगम स्वास्थ्य' नाम का एक ऐप डाउनलोड करना होगा, जो प्ले स्टोर पर उपलब्ध है। ऐप में जाकर आपको अपने मोबाइल नंबर और ओटीपी से लॉगिन करना होगा। अगर आप पहली बार इस्तेमाल कर रहे हैं, तो आपको अपनी जानकारी डालकर एक प्रोफाइल बनानी होगी। पुराने मरीजों को बस अपनी प्रोफाइल चुननी होगी।
इसके बाद, ऐप के होम पेज पर 'ऑनलाइन ओपीडी पंजीकरण' टैब पर क्लिक करें। यहां आपको अपना जिला, अस्पताल और फिर विभाग चुनना होगा। इसके बाद, अस्पताल पहुंचने पर ओपीडी के बाहर लगे क्यूआर कोड को स्कैन करना होगा। क्यूआर कोड स्कैन होते ही, आपके फोन पर आपका टोकन नंबर और कमरे का नंबर आ जाएगा। इस टोकन नंबर के हिसाब से आप सीधे डॉक्टर के पास जा सकते हैं।
मरीजों के लिए बड़ी राहत
टांडा मेडिकल कॉलेज में हिमाचल प्रदेश के आठ जिलों- कांगड़ा, चंबा, मंडी, कुल्लू, लाहौल-स्पीति, हमीरपुर, ऊना और बिलासपुर से मरीज आते हैं। हफ्ते के शुरुआती तीन दिनों में यहां बहुत ज्यादा भीड़ होती है, जिस वजह से पर्ची बनवाने और डॉक्टर से मिलने में ही पूरा दिन निकल जाता है। कई बार मरीजों को पर्ची के लिए भी घंटों इंतजार करना पड़ता था। इस नई ऑनलाइन सुविधा से अब यह समस्या दूर हो जाएगी।
मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य, डॉ. मिलाप शर्मा ने बताया कि इस सुविधा से पर्ची काउंटर पर भीड़ कम होगी और मरीजों को काफी राहत मिलेगी। इससे मरीजों की यह शिकायत भी खत्म हो जाएगी कि उनका नंबर देर से आया। अब सब कुछ एक तय प्रक्रिया के तहत होगा, जिससे पारदर्शिता बनी रहेगी।
इस पहल से मरीजों के साथ-साथ अस्पताल के स्टाफ को भी सुविधा होगी क्योंकि पर्ची काउंटर पर काम का बोझ कम हो जाएगा। इससे वे अन्य जरूरी कामों पर ध्यान दे पाएंगे। यह एक बड़ा कदम है जो मरीजों के अनुभव को बेहतर बनाएगा और अस्पताल की सेवाओं को आधुनिक बनाएगा।