Edited By Jyoti M, Updated: 12 Feb, 2025 11:42 AM
![now government schools will be equipped with modern facilities](https://img.punjabkesari.in/multimedia/914/0/0X0/0/static.punjabkesari.in/2025_2image_11_42_336997119schl-ll.jpg)
हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता और आधारभूत संरचना में सुधार लाने के लिए केंद्र सरकार ने एक नई योजना की शुरुआत की है। इस योजना का नाम है "प्रधानमंत्री स्कूल्स फॉर राइजिंग इंडिया" (PM Shri योजना)। इस पहल का उद्देश्य प्रदेश के...
हिमाचल डेस्क। हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता और आधारभूत संरचना में सुधार लाने के लिए केंद्र सरकार ने एक नई योजना की शुरुआत की है। इस योजना का नाम है "प्रधानमंत्री स्कूल्स फॉर राइजिंग इंडिया" (PM Shri योजना)। इस पहल का उद्देश्य प्रदेश के स्कूलों को आधुनिक तकनीक, सुविधाओं और संसाधनों से लैस करना है ताकि विद्यार्थियों को बेहतर शिक्षा मिल सके। केंद्र सरकार ने इस योजना के तहत हिमाचल प्रदेश को 33 करोड़ 83 लाख 78 हजार रुपए का बजट जारी किया है। इस राशि का उपयोग प्रदेश के सरकारी स्कूलों में बुनियादी सुविधाओं को सुधारने और उन्हें उन्नत बनाने के लिए किया जाएगा।
केंद्र सरकार ने इस राशि को जिलावार आबंटित किया है, ताकि प्रत्येक स्कूल को इस योजना का लाभ मिल सके। विशेष रूप से, इन स्कूलों में स्मार्ट क्लास रूम, आधुनिक साइंस लैब, और अन्य अत्याधुनिक सुविधाओं का प्रावधान किया जाएगा। इसके अलावा, बच्चों को शिक्षा से जुड़ी नई और उन्नत तकनीकी सुविधाएं प्रदान करने के लिए भी कदम उठाए गए हैं।
निजी स्कूलों की तर्ज पर, सरकारी स्कूलों में स्मार्ट क्लास रूम बनाने की योजना बनाई गई है। यह कदम बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है। स्मार्ट क्लास रूम में इंटरेक्टिव बोर्ड, कंप्यूटर, इंटरनेट कनेक्टिविटी, और अन्य डिजिटल संसाधन उपलब्ध होंगे, जिससे बच्चों को आधुनिक शिक्षा प्राप्त होगी। इसके अलावा, स्कूलों में आधुनिक साइंस लैब्स भी स्थापित की जाएंगी, ताकि बच्चों को विज्ञान की शिक्षा व्यावहारिक रूप से प्राप्त हो सके।
योजना के तहत, हिमाचल प्रदेश के स्कूलों को ग्रीन स्कूल के रूप में विकसित करने की भी योजना बनाई गई है। इसके तहत स्मार्ट अपशिष्ट निपटान, जल संरक्षण, और सौर पैनल जैसी सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। स्कूलों में बिजली की बचत के लिए सौर पैनल लगाए जाएंगे और जल संचयन प्रणाली का भी निर्माण किया जाएगा। इस पहल से न केवल पर्यावरण संरक्षण होगा, बल्कि स्कूलों की ऊर्जा जरूरतों को भी पूरा किया जा सकेगा।
180 स्कूलों का चयन
इस योजना के तहत कुल 180 स्कूलों का चयन किया गया है। इनमें 56 प्राइमरी स्कूल, 5 माध्यमिक स्कूल, और 119 वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल शामिल हैं। इन स्कूलों को आधुनिक सुविधाओं से लैस किया जाएगा, जिससे वे शिक्षा के क्षेत्र में एक आदर्श बन सकें। शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने बताया कि इन स्कूलों में आधुनिक स्टेट ऑफ आर्ट सुविधाएं विकसित की जाएंगी ताकि यह स्कूल राज्य के बाकी शिक्षण संस्थानों के लिए एक मॉडल के रूप में कार्य कर सकें।
केंद्र के जरिए मिलेगा फंड
केंद्र सरकार ने इस योजना के तहत एक पोर्टल बनाया है। जिस पर हर स्कूल के हर छात्र के प्रदर्शन का ब्यौरा होगा। इसके लिए पांच वर्ष में हर स्कूल को दो करोड़ रुपए दिए जाएंगे। वहीं पहली बार केंद्र से स्कूलों को सीधे फंड दिया जाएगा जो 40 फीसदी तक हो सकता है।
इसकी निगरानी की भी उचित व्यवस्था की जाएगी। इसमें नई शिक्षा नीति के तहत सभी स्कूल आदर्श स्कूलों के रूप में काम करेंगे। योजना के पहले दो सालों के दौरान, पोर्टल को वर्ष में चार बार यानी प्रत्येक तिमाही में एक बार खोला जाता है।