Edited By Vijay, Updated: 24 Dec, 2025 12:32 PM

हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में ट्रैफिक जाम की समस्या को सुलझाने की दिशा में एक और बड़ा कदम उठाया गया है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने शिमला बाईपास परियोजना के तहत टनल नंबर-5 के निर्माण में महत्वपूर्ण सफलता हासिल की है।
शिमला: हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में ट्रैफिक जाम की समस्या को सुलझाने की दिशा में एक और बड़ा कदम उठाया गया है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने शिमला बाईपास परियोजना के तहत टनल नंबर-5 के निर्माण में महत्वपूर्ण सफलता हासिल की है। मंगलवार को इस टनल के दोनों सिरे आपस में मिल गए, जिसे परियोजना के लिए मील का पत्थर माना जा रहा है।
रिकॉर्ड 7 महीनों में पूरा हुआ काम
एनएचएआई के अधिकारियों के अनुसार, करीब 210 मीटर लंबी इस सुरंग का निर्माण कार्य 22 मई 2025 को शुरू किया गया था। गावर और भारत कंस्ट्रक्शन कंपनी ने इसे रिकॉर्ड 7 महीनों में पूरा कर दिखाया है। टनल का निर्माण न्यू ऑस्ट्रियन टनलिंग मैथड तकनीक से किया गया है, जो पहाड़ों में सुरंग बनाने की सबसे सुरक्षित और प्रभावी तकनीक मानी जाती है।
चलौंठी से जुड़ेगा शिमला बाईपास
यह टनल शिमला बाईपास को इसके अंतिम छोर यानी चलौंठी से जोड़ती है। इसके खुलने से अटल सुपर स्पैशलिटी आयुर्विज्ञान संस्थान, चमियाना तक मरीजों और तीमारदारों का पहुंचना बेहद आसान हो जाएगा। अभी तक संकरे रास्तों और जाम के कारण वहां पहुंचने में काफी समय लगता था।
ट्रैफिक जाम से मिलेगी मुक्ति, बागवानों को भी राहत
27.457 किलोमीटर लंबी शिमला बाईपास परियोजना चंडीगढ़-शिमला कॉरिडोर का अहम हिस्सा है। इस पूरे प्रोजैक्ट में कुल 5 टनल शामिल हैं। इस परियोजना के पूरा होने पर शहर के भीतर लगने वाले ट्रैफिक जाम से मुक्ति मिलेगी और शिमला (ढली) पहुंचने का समय करीब एक घंटा कम हो जाएगा। यह परियोजना न केवल पर्यटन को बढ़ावा देगी, बल्कि ऊपरी शिमला के लोगों के लिए भी लाइफलाइन साबित होगी। सेब सीजन के दौरान बागवान अब बिना जाम में फंसे अपनी उपज आसानी से मंडियों तक पहुंचा सकेंगे।