5 लोगों को निकालने में दूसरे दिन भी जुटी रही एनडीआरएफ की टीम

Edited By Rajneesh Himalian, Updated: 14 Jul, 2021 12:01 PM

ndrf team was engaged for the second day in evacuating 5 people

जिला कांगड़ा में सोमवार को बरसात की पहली बारिश की तबाही का मंजर दूसरे दिन भी नजर आया।

धर्मशाला (ब्यूरो): जिला कांगड़ा में सोमवार को बरसात की पहली बारिश की तबाही का मंजर दूसरे दिन भी नजर आया। शाहपुर विधानसभा के बोह गांव में पहाड़ी के मलबे की चपेट में आए 8 मकानों से रेस्क्यू का काम दूसरे दिन भी जारी रहा। बोह गांव में पहाड़ी से सटे 8 मकानों पर मलबा गिरने के चलते मकान धराशाही हो गए थे और लोग उनमें फंस कर रह गए थे। प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार अब तक मलबे से 5 शवों को निकाला जा चुका है, वहीं 5 लोगों को सुरक्षित निकालने में एनडीआरएफ के जवानों को सफलता भी हाथ लगी है।
प्रशासन की मानें तो 5 लोगों के अभी भी मलबे में फंसे होने की आशंका है जिसे चलते लगातार रेस्क्यू आपरेशन लगातार जारी है। पहाड़ियों के बीच बसे बोह गांव में घटित इस प्राकृतिक आपदा में हुए जानमाल के नुकसान को लेकर जहां रेस्क्यू आपरेशन अभी भी जारी है वहीं रूक-रूक के हो रही बारिश एनडीआरएफ के जवानों के कार्यों में रूकावटे पैदा कर रही है। हल्की बारिश होने पर भी लोग घबरा रहे है। लोगों में डर है कि बारिश होने पर ओर मलबा खिसक सकता है। स्थानीय लोगों का कहना है कि पिछले कल बोह गांव में जब मकानों पर मलबा गिरा था उस वक्त इसकी जानकारी स्थानीय लोगों को ही थी और उस दौरान मूसलाधार बारिश का दौर भी जारी था। युवाओं द्वारा किए गए रेस्क्यू में 5 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया। स्थानीय लोगों की मानें तो बारिश की वजह से रास्ते बंद होने के कारण एनडीआरएफ की टीम रात को पहुंची थी।
5 के शव हुए बरामद
बोह गांव में मकानों में दबे लोगों में से अब तक 5 शव बरामद कर लिए गए है। जिसमें ममता सपुत्री, कार्तिक पुत्र भीम ङ्क्षसह, शकुंतला देवी पत्नी प्रकाश चंद, शिव प्रसाद पुत्र सुभाष तथा मस्तो देवी पत्नी भीम सिंह के शव बरामद हुए है। आपको बता दे कि सोमवार को एक महिला का शव ही निकाला गया था। जबकि मंगलवार को 4 और शव बरामद कर लिए गए है। अभी भी मलबे में 5 लोगों की फंसने की संभावना के चलते तलाशी अभियान जारी रखा गया है।
पहली बार ही हुई इस तरह की घटना
स्थानीय लोगों का कहना है कि बोह गांव में जहां से पहाड़ी का मलबा गिरा है यह अब तक की सबसे पहली घटना है। लोगों का कहना है कि भारी बरसात के बावजूद भी इस पहाड़ी से पत्थर तक नहीं गिरते थे। अचानक पहाड़ी से गिरे मलबे ने 8 परिवार को जानमाल का भारी नुकसान पहुंचाया है।
कटर का इस्तेमाल करके काटे पेड़ व लकड़ी
रेस्क्यू के दूसरे दिन बोह गांव में फंसे लोगों को मलबे से बचाने के लिए एनडीआरएफ की टीमों को लकड़ी के कटर का इस्तेमाल करना पड़ा। मकानों के निर्माण लकड़ी से होने व क्षतिग्रस्त मकानों के आस-पास कई पेड़ भी गिरे होने के चलते रेस्क्यू टीम को कई परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। लकड़ी और पेड़ों को कटर की सहायता से काट कर लोगों को ढूंढा जा रहा है।
एक ही परिवार के 3 लोगों की हुई मौत
रुलेहड़ में हुए भूस्ख्लन में अभी तक मरने वालों की संख्या 5 है जिसमें एक ही घर के 3 लोग मृत बताए जा रहे है। मृत परिवार में से एक लड़की, एक लड़का और उनकी माता बताई जा रही है। जबकि घर के मुखिया भीम सिंह भी अभी तक लापता है तथा भीम सिंह की तालाश रेस्क्यू टीम के द्वारा की जा रही है। मरने वाले 2 ओर लोग अलग-अलग परिवार के बताए जा रहे है।
बच्ची की समझदारी से बचाया परिवार
रुलेहड़ में हुए भूस्खलन की चपेट में आए लोगों में से एक 8 साल की बच्ची बंशिका की समझदारी ने पूरे परिवार को बचा लिया। हालांकि बंशिका अभी खुद पी.जी.आई. चंडीगढ़ में जिंदगी और मौत की लड़ाई लड़ रही है, लेकिन परिवार पूरी तरह से सुरक्षित है। बंशिका बोह स्कूल में चौथी कक्षा की छात्रा है। वैसे तो वह लोग जिला चंबा के सिहुंता निवासी है, लेकिन उनके पिता लैंको हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट में कार्यरत हैं। इसलिए वह यहां किराए के मकान में रहते हैं। जानकारी के मुताबिक सोमवार सुबह करीब साढ़े 10 बजे भूस्खलन हुआ। जिसकी चपेट में 15 लोग लापता हो गए थे। मलबे से 8 वर्षीय बंशिका, उसका पिता, मां और डेढ़ साल का भाई भी उसकी चपेट में आ गया।
बंशिका से चेहरा घर ही दीवार की ओर था, इस कारण वह पूरे होश में थी। उस समय उसके हाथ में मोबाइल फोन था। बंशिका ने अपने मोबाइल फोन ने अपने शिक्षक सुरेंद्र को फोन किया और बताया कि उनका परिवार भी मलबे में दबा हुआ था। बच्ची की बात सुनकर शिक्षक सुरेंद्र ने संपर्क बनाए रखा और घर की छत पर छेद करके पता उनके पिता जिनकी टांगों में चोटें आई थीं, भाई को पहले निकाला। उसके बाद बंशिका को भी सुरक्षित बाहर निकाला गया। अभी तक उनका डेढ़ साल का भाई नहीं निकाला जा सकता है। बाहर निकालने के बाद उसके पिता सिविल अस्पताल शाहपुर में भर्ती हैं। इसके बाद लड़की को शाहपुर अस्पताल लाया गया था, जहां उसकी गंभीर हालत को देखते टांड़ा रेफर कर दिया। वहां के डाक्टरों ने उसकी गंभीर स्थिति को देखते हुए पीजीआई रेफर कर दिया है, जहां उसकी हालत अभी गंभीर बताई जा रही है।

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