Edited By Vijay, Updated: 06 Dec, 2024 03:41 PM
हिमाचल प्रदेश में कृषि शिक्षा को नई दिशा देने के लिए समग्र शिक्षा और डॉ. यशवंत सिंह परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय नौणी के बीच एक ऐतिहासिक समझौता हुआ है।
सोलन (ब्यूरो): हिमाचल प्रदेश में कृषि शिक्षा को नई दिशा देने के लिए समग्र शिक्षा और डॉ. यशवंत सिंह परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय नौणी के बीच एक ऐतिहासिक समझौता हुआ है। इस समझौते के तहत 227 सरकारी स्कूलों के 9वीं से 12वीं कक्षा के 11900 छात्रों को कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में व्यावहारिक प्रशिक्षण मिलेगा। यह पहल छात्रों को कृषि उद्यमिता और कौशल विकास के लिए एक मजबूत प्लेटफॉर्म प्रदान करेगी।
इस साझेदारी के तहत कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में व्यावसायिक शिक्षा के लिए एक इनक्यूबेशन सैंटर स्थापित किया जाएगा, जो छात्रों को प्रैक्टिकल सीखने के अमूल्य अवसर प्रदान करेगा। इस परियोजना को 2.8 करोड़ रुपए के बजट आबंटन के साथ समग्र शिक्षा द्वारा वित्त पोषित किया जाएगा। परियोजना के सफल कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए विश्वविद्यालय कृषि, बुनियादी ढांचे और डेटा प्रबंधन में अपनी विशेषज्ञता का योगदान देगा। इस परियोजना में आर्टिफिशियल इंटैलिजैंस, ड्रोन, और रोबोटिक्स जैसे उन्नत तकनीकी उपकरणों का भी समावेश होगा। नौणी विश्वविद्यालय और समग्र शिक्षा के इस सहयोग से न केवल छात्रों को कृषि उद्यमिता के क्षेत्र में करियर की नई संभावनाएं मिलेंगी, बल्कि यह राज्य के ग्रामीण विकास को भी गति प्रदान करेगा।
समझौते पर हस्ताक्षर करते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर राजेश्वर सिंह चंदेल ने कहा कि हमारा उद्देश्य कृषि को एक आकर्षक करियर विकल्प के रूप में बढ़ावा देना है, ताकि युवा इसे लेकर सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाएं। समग्र शिक्षा के राज्य परियोजना निदेशक राजेश शर्मा ने इसे ‘स्टारस’ परियोजना का हिस्सा बताते हुए कहा कि यह पहल राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत शैक्षिक गुणवत्ता और व्यावसायिक कौशल को बढ़ावा देने में सहायक होगी।
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