Edited By Vijay, Updated: 29 Dec, 2024 02:30 PM
राज्य के जिला मंडी में महिलाओं पर सबसे अधिक अत्याचार होते हैं। यहां पर महिलाओं से क्रूरता और छेड़छाड़ की घटनाएं राज्य में इस वर्ष दर्ज हुए मामलों में सबसे अधिक हैं...
शिमला (संतोष कुमार): राज्य के जिला मंडी में महिलाओं पर सबसे अधिक अत्याचार होते हैं। यहां पर महिलाओं से क्रूरता और छेड़छाड़ की घटनाएं राज्य में इस वर्ष दर्ज हुए मामलों में सबसे अधिक हैं, जबकि कांगड़ा, ऊना व बिलासपुर जिले इसके बाद आते हैं। इस वर्ष 11 माह में नवम्बर माह तक महिलाओं से क्रूरता के दर्ज हुए 160 मामलों में अकेले जिला मंडी में सबसे अधिक 26 केस दर्ज हुए हैं। इसके अलावा कांगड़ा, ऊना व बिलासपुर जिलों में 22-22 मामले दर्ज किए गए हैं। बीबीएन में 12, चम्बा में 4, हमीरपुर में 7, नूरपुर में 5, शिमला में 14, सिरमौर में 11 व सोलन में 7 मामले दर्ज हुए हैं, जबकि जिला किन्नौर में सिर्फ 1 मामला दर्ज हुआ है, वहीं लाहौल-स्पीति जिला में एक भी मामला दर्ज नहीं हुआ है। बीते वर्ष महिलाओं से क्रूरता की 218 घटनाएं दर्ज हुई हैं।
मंडी में छेड़छाड़ के 74 मामले दर्ज
छेड़छाड़ की घटनाओं की बात करें तो इस वर्ष नवम्बर माह तक दर्ज हुए 458 मामलों में सबसे अधिक जिला मंडी में 74 मामले दर्ज हुए हैं। सिरमौर में 58, शिमला में 54, कांगड़ा में 52, बीबीएन में 16, बिलासपुर में 27, चम्बा में 33, हमीरपुर में 32, कुल्लू में 25, नूरपुर में 26, सोलन में 40, ऊना में 17, जबकि किन्नौर में 3, लाहौल स्पीति में सिर्फ 1 केस दर्ज हुआ है। बीते वर्ष छेड़छाड़ के 506 मामले पंजीकृत किए गए हैं।
दुष्कर्म के मामलों में भी जिला मंडी आगे
जिला मंडी महिलाओं पर अत्याचार के मामलों में ही अग्रणी नहीं है, अपितु दुष्कर्म के मामलों में भी सबसे आगे है। इस वर्ष नवम्बर माह तक दुराचार के दर्ज हुए 305 मामलों में अकेले जिला मंडी में 52 केस दर्ज किए गए हैं। कांगड़ा में 37, ऊना में 14, बिलासपुर में 13 केस पंजीकृत हुए हैं। जिला सिरमौर में 45, शिमला में 39, बीबीएन में 22, चम्बा में 23, हमीरपुर में 6, किन्नौर में 7, नूरपुर में 8, सोलन में 23 मामले दर्ज हुए हैं, जबकि लाहौल-स्पीति जिला में कोई मामला सामने नहीं आया है। बीते वर्ष दुराचार के 344 मामले दर्ज किए गए थे।
23 माह में दर्ज नहीं हुआ दहेज हत्या का कोई भी केस
राहत की बात यह है कि राज्य में 23 माह से दहेज हत्या को लेकर कोई भी मामला प्रकाश में नहीं आया है। न बीते वर्ष और न ही इस वर्ष 11 माह में कोई केस पंजीकृत हुआ है। इससे पहले वर्ष 2022 में 1, 2021 में 2, 2020 में 1, 2019 में 4, 2018 में 4, 2017 में 3, 2016 में 3, 2015 में 2 और वर्ष 2014 में 1 मामला रजिस्टर्ड किया गया है।
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