Shimla: हिमाचल में मानसून का कहर,7 लोगों की मौत; कुल्लू के निरमंड में मलबे दबीं 5 गाड़ियां

Edited By Vijay, Updated: 06 Aug, 2025 07:54 PM

monsoon wreaks havoc in himachal 7 people dead 5 vehicles buried under debris

राज्य में मॉनसून ने एक बार फिर खूब कहर बरपाया है, जिसमें जान व माल का खूब नुकसान हुआ है। किन्नर कैलाश यात्रा के दौरान 2 श्रद्धालुओं के अलावा शिमला जिला के चिड़गांव में पब्बर नदी में गिरने से 3 युवकों तथा जिला सिरमौर में भी 2 लोगों की मौत हुई है।

शिमला (संतोष): राज्य में मॉनसून ने एक बार फिर खूब कहर बरपाया है, जिसमें जान व माल का खूब नुकसान हुआ है। किन्नर कैलाश यात्रा के दौरान 2 श्रद्धालुओं के अलावा शिमला जिला के चिड़गांव में पब्बर नदी में गिरने से 3 युवकों तथा जिला सिरमौर में भी 2 लोगों की मौत हुई है। वहीं जिला कुल्लू के निरमंड उपमंडल के उर्टू में भारी बारिश से नाले का जलस्तर बढ़ने और भूस्खलन से 5 गाड़ियां दबने की सूचना है। सात दुकानों को भी क्षति पहुंची है। बारिश और भूस्खलन की चपेट में सड़क भी आई है और यातायात ठप्प हो गया है। अब राज्य में मृतकों का आंकड़ा 199 पहुंच गया है, जबकि 304 लोग घायल व 36 लोग लापता चल रहे है। हिमाचल प्रदेश में मंगलवार रात्रि से जारी जोरदार बारिश ने एक बार फिर आम जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित कर दिया है। पहाड़ों पर तेज बारिश के कारण कई जगहों पर भूस्खलन हुआ, जिससे सड़कों और राष्ट्रीय राजमार्गों पर यातायात ठप्प हो गया। कई इलाकों में बिजली और पानी की आपूर्ति भी पूरी तरह ठप्प हो गई है। मौसम विभाग ने 12 अगस्त तक पूरे राज्य में भारी बारिश को लेकर यैलो अलर्ट जारी किया है और एडवाइजरी जारी की है।

यहां पहुंचा है नुकसान

  • निगुलसरी में एनएच 05 भूस्खलन से बाधित हो गया।
  • भारी बारिश के चलते मंडी से कुल्लू को जोड़ने वाला राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच-3) मंगलवार रात्रि से पूरी तरह से बंद हो गया। 9 मील के पास कैंची मोड़ और दवाड़ा फ्लाईओवर के आसपास बड़ी मात्रा में मलबा और बड़े-बड़े पत्थर सड़क पर आ गए, जिससे यातायात पूरी तरह बाधित हो गया।
  • कालका-शिमला नैशनल हाईवे पर चक्की मोड़ के समीप भूस्खलन से बाधित हो गया। पहाड़ी से बारिश के पानी के साथ अधिक मात्रा में मलबा आ गया। इससे सड़क दलदल में तबदील हो गई है। वहीं पहाड़ी से लगातार पत्थर आने का सिलसिला भी जारी है। इससे वाहनों की लंबी कतारें लग गईं।
  • चंबा जिला में लगातार बारिश के बाद अब पहाड़ दरकना शुरू हो गए हैं। चुराह उपमंडल की बघेईगढ़ पंचायत के कंगेला गांव के ऊपर पहाड़ी से अचानक भूस्खलन हो गया। चट्टानें तेजी से गांव की ओर लुढ़की, लेकिन गनीमत रही कि बड़ी चट्टान ने दिशा बदल ली। इससे बड़ा हादसा होने से बच गया।
  • नालागढ़ से करीब 9 किलोमीटर दूर कुमारहट्टी के पास सड़क के धंसने से नालागढ़, रामशहर, कुनिहार-शिमला मार्ग अवरुद्ध हो गया है। इससे पहाड़ी क्षेत्र का नालागढ़ से संपर्क कट गया है। बद्दी के मानपुरा के मानकपुर में ढेला पंचायत व दवणी औद्योगिक क्षेत्र को जोड़ने वाला पुल सुबह तेज बारिश से टूट गया।

नुक्सान का आंकड़ा हुआ 1905 करोड़
20 जून से आरंभ हुए मॉनसून सीजन में अब तक राज्य को 1905 करोड़ रुपए की चपत लग चुकी है। इसमें सबसे अधिक नुकसान लोक निर्माण विभाग को 1009 करोड़, जलशक्ति विभाग को 648 करोड़, विद्युत बोर्ड को 139 करोड़ हो चुका है। इस मॉनसून सीजन में अब तक फ्लैश फ्लड की 55, बादल फटने की 28 और भूस्खलन की 48 घटनाएं हो चुकी हैं। सबसे अधिक 16 बार मंडी जिले में बादल फटा और 12 बार भूस्खलन हुआ। वहीं लाहौल-स्पीति में फ्लैश फ्लड की 30 घटनाएं दर्ज की गई हैं।

4 नैशनल हाईवे और 533 संपर्क मार्ग बंद
लगातार हो रही बारिश के कारण बुधवार शाम तक 4 नेशनल हाईवे और 533 संपर्क मार्ग बंद पड़े हैं। 4 नैशनल हाईवे में किन्नौर जिला में एनएच 05 रिब्बा नाले के पास, कुल्लू जिला में एनएच305 जहेड़ व बालीचौकी के पास, जबकि मंडी जिला में 2 नेशनल हाईवे एनएच 21 व एनएच 03 बंंद है। वहीं राज्य में 635 ट्रांसफार्मर ही ठप चले हुए है, जबकि 266 पेयजल योजनाएं भी प्रभावित चल रही है।

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