Edited By Jyoti M, Updated: 24 Nov, 2024 12:40 PM
मंडी शहर में बंदरों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, जिससे स्थानीय लोग परेशान हैं। उनका कहना है कि नगर निगम ने पिछले चार सालों में इस समस्या पर कोई ध्यान नहीं दिया, जिसके कारण अब यह समस्या गंभीर बन चुकी है।
हिमाचल डेस्क। मंडी शहर में बंदरों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, जिससे स्थानीय लोग परेशान हैं। उनका कहना है कि नगर निगम ने पिछले चार सालों में इस समस्या पर कोई ध्यान नहीं दिया, जिसके कारण अब यह समस्या गंभीर बन चुकी है।
बंदर दिन-रात लोगों के घरों में घुस जाते हैं और काफी नुकसान करते हैं। अब ये बंदर शहर के हर कोने में नजर आने लगे हैं, और कभी-कभी तो यह लोगों के लिए खतरे का कारण भी बन जाते हैं। कई बार लोग इनके डर से गिरकर चोटिल हो जाते हैं, और कुछ मामलों में तो मौत भी हो चुकी है।
मंडी के स्थानीय निवासी एवं पूर्व में नगर परिषद के पार्षद रहे आकाश शर्मा ने बताया कि सुबह शाम जब भी लोग पडल मैदान की तरफ सैर करने जाते हैं तो नए पुल पर भी इनकी दहशत लगातार कायम रहती है। कई बार लोगों को इनके द्वारा काटा भी गया है और कई बार तो लोग अपनी छत से इनके डर के कारण गिर भी जाते हैं और मृत्यु को प्राप्त भी हो जाते हैं।
नगर निगम को चार साल पूरे हो चुके हैं। लेकिन एक भी बार इन अधिकारियों और पदाधिकारियों ने इस समस्या को दूर करने हेतु कोई प्रयास नहीं किया है, जबकि जंगली जानवरों से निजात
नगर निगम जल्द उठाए कदम
लोगों का कहना है कि नगर निगम को बंदरों की बढ़ती संख्या को नियंत्रित करने के लिए जल्द से जल्द कदम उठाने चाहिए। उन्हें उम्मीद है कि निगम कुछ नीति बनाकर इस समस्या का समाधान निकाले, ताकि लोग बिना किसी डर के बाहर जा सकें और अपनी सामान्य जिंदगी जी सकें। मंडी के लोग चाहते हैं कि बंदरों और आवारा कुत्तों की संख्या को नियंत्रित किया जाए, ताकि शहर में शांति और सुरक्षा बनी रहे।