बिंदल के रूप में भाजपा के घोटालों की गिरी पहली विकेट : रामलाल ठाकुर

Edited By Vijay, Updated: 27 May, 2020 07:26 PM

mla ramlal thakur in bilaspur

राजीव बिंदल के रूप में भाजपा के घोटाले की अभी तो यह पहली विकेट गिरी है बाकी विकेट बहुत जल्द गिरेंगी। यह बात परिधि गृह बिलासपुर में आयोजित पत्रकार वार्ता में श्री नयनादेवी जी के वर्तमान विधायक व पूर्व मंत्री रामलाल ठाकुर ने कही है।

बिलासपुर (ब्यूरो): राजीव बिंदल के रूप में भाजपा के घोटाले की अभी तो यह पहली विकेट गिरी है बाकी विकेट बहुत जल्द गिरेंगी। यह बात परिधि गृह बिलासपुर में आयोजित पत्रकार वार्ता में श्री नयनादेवी जी के वर्तमान विधायक व पूर्व मंत्री रामलाल ठाकुर ने कही है। उन्होंने कहा कि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ने जो नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दिया है उससे प्रदेश सरकार व प्रदेश भाजपा के नेता यह न समझें कि उनकी जांच नहीं होगी। उन्होंने इस पूरे मामले की सीबीआई से जांच करवाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य घोटाले के तार सीधे-सीधे प्रदेश सरकार व भाजपा नेताओं से जुड़े हुए हैं।

उन्होंने कहा कि जब से प्रदेश में भाजपा की सरकार बनी है तब से इस सरकार ने प्रदेश के संवैधानिक व लोकतांत्रिक मूल्यों को गिरवी रख दिया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में भाजपा की सरकारों को वर्ष 1997 से स्वास्थ्य विभाग से बड़ा प्यार रहा और फिर वर्ष 2008 में जब दोबारा प्रदेश में भाजपा की सरकार बनी थी तो वर्तमान भाजपा अध्यक्ष राजीव बिंदल की स्वास्थ्य विभाग के मंत्री थे और इनकी टोली में कुछ अधिकारी और कुछ भाजपा के नेता इस तरह से कथित माफि या बनकर घोटालों को अंजाम देते रहे हैं। अभी जो ऑडियो क्लिप से 5 लाख रुपए के लेन-देन की बात हुई है उसका भी पूरा खुलासा होना बाकी है।

उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष कांगड़ा में जो स्वास्थ्य विभाग को लेकर पत्र बम सामने आया था उसमें भाजपा के 2 गुटों के बीच ही लाव लपेट करके मामला ठंडा डाल दिया था लेकिन सरकारी तौर पर कोई जांच नहीं की गई थी और उस पत्र बम का ठीकरा एक पूर्व मंत्री के सिर पर फोड़ दिया था। अगर उस समय ठीक से जांच हो जाती तो प्रदेश सरकार व भाजपा को यह दिन नहीं देखने पड़ते।

भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष उन दिनों से ही घोटाले की सुर्खियों में रहे हैं जब से वे सोलन की म्युनिसिपल कार्पोरेशन में थे। इनके राजनीतिक जीवन में जिन-जिन पदों पर रहे हैं उन सभी कार्यकलापों की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए। इनके सचिव स्वास्थ्य विभाग, अतिरिक्त सचिव स्वास्थ्य विभाग और विशेष सचिव स्वास्थ्य विभाग भी कार्यप्रणाली की संदेह के घेरे में हैं उनकी भी जांच अति आवश्यक है। इसके अलावा प्रदेश आयुष्मान भारत योजना को लेकर भी बहुत प्रश्न चिन्ह लग चुके हैं। इन सभी विषयों पर प्रदेश सरकार को कड़े आदेश देकर सीबीआई जांच करवानी चाहिए ताकि दूध का दूध पानी का पानी हो सके।

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