Edited By Vijay, Updated: 07 Aug, 2024 04:09 PM
प्रदेश में प्राकृतिक आपदा के चलते कई क्षेत्र पूरी तरह प्रभावित हुए, जिसमे कई लोगों ने अपनी जान गंवा दी, ऐसे में जनप्रतिनिधियों का दायित्व बनता है कि वे बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का तुरंत दौरा करें ताकि राहत कार्य शुरू कर लोगों में आत्मविश्वास बनाया जा...
रिकांगपिओ (राजकुमार): प्रदेश में प्राकृतिक आपदा के चलते कई क्षेत्र पूरी तरह प्रभावित हुए, जिसमे कई लोगों ने अपनी जान गंवा दी, ऐसे में जनप्रतिनिधियों का दायित्व बनता है कि वे बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का तुरंत दौरा करें ताकि राहत कार्य शुरू कर लोगों में आत्मविश्वास बनाया जा सके। मगर सांसद कंगना रनौत का उनके कुछ विधायक एवं अधिकारियों की ओर से दौरा करने के लिए मना किया जाने वाला बयान निराशाजनक है। यह बात प्रदेश के राजस्व, बागवानी एवं जनजातीय विकास मंत्री जगत सिंह नेगी ने रिकांगपिओ में कही। मंत्री ने टिप्पणी करते हुए कहा कि जो जनप्रतिनिधि मौसम देखकर लोगों को राहत देने की बात कर रहे हैं उनसे क्या अपेक्षा की जा सकती है। केंद्र में भाजपा की सरकार है और सांसद कंगना को चाहिए था कि वह तुरंत प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर केंद्र से राहत प्रदान करने का कार्य करतीं। सांसद का इतने दिन बाद बाढ़ प्रभावित क्षेत्र समेज पहुंचना मात्र एक औपचारिकता है।
केंद्र सरकार से नहीं मिली आर्थिक मदद
मंत्री ने बताया कि समेज में 25 लोगों के मकान एक ही साथ बह गए और 34 जानें चली गईं। बागीपुल में 10 से ज्यादा मकान बह गए और 7 से ज्यादा जानें गईं जबकि मंडी के प्रभावित क्षेत्र में भी 7 से ज्यादा लोगों ने अपनी जान गंवाई और संपत्ति को भी भारी नुक्सान हुआ है, लेकिन ऐसे कठिन समय में केंद्र सरकार की ओर से कोई आर्थिक मदद नहीं मिली, सिर्फ बड़ी-बड़ी बातें होती रहीं।
भाजपा के लोग आपदा के समय में भी राजनीति करने से पीछे नहीं
मंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार आपदा के समय राजनीति से ऊपर उठकर राहत एवं बचाव कार्य कर रही है। मैंने स्वयं तुरंत घटनास्थल का दौरा किया जहां राहत कार्यों में लगे सभी विभागों ने सराहनीय कार्य किया है। रैस्क्यू कार्य मे लगे आर्मी, एनडीआरएफ सहित सभी दलों की ओर से भी सराहनीय कार्य किया गया, लेकिन भाजपा के लोग इस आपदा के समय में भी राजनीति करने से पीछे नहीं हैं।
कुर्पण खड्ड पर में वैली ब्रिज लगाने का काम जारी
मंत्री ने कहा कि कुर्पण खड्ड पर रिकॉर्ड समय में झूला लगाया गया और अब वैली ब्रिज लगाने का कार्य युद्धस्तर पर जारी है। हिमाचल प्रदेश में सारी भूमि वन विभाग की है, ऐसे में त्रासदी में अपना सब कुछ गंवा चुके लोगों को भूमि देने के लिए केंद्र सरकार से समय-समय पर गुहार लगाई गई है कि एफसीए में कुछ राहत दी जाए ताकि आपदा के समय लोगों को घर बनाने के लिए तुरंत भूमि मुहिया करवाई जा सके।
हिमाचल की खबरें Twitter पर पढ़ने के लिए हमें Join करें Click Here
अपने शहर की और खबरें जानने के लिए Like करें हमारा Facebook Page Click Here