हिमाचल को मिली राहत राशि ऊंट के मुंह में जीरे के समान, केंद्र अलग से जारी करे राहत पैकेज : चंद्र कुमार

Edited By Vijay, Updated: 24 Aug, 2023 05:40 PM

minister chander kumar

केंद्र सरकार ने जो राहत राशि हिमाचल को दी है, वह ऊंट के मुंह में जीरे के समान है। केंद्र ने 200 करोड़ रुपए की अग्रिम राहत राशि प्रदान की है लेकिन पता नहीं इसे हिमाचल को अगले साल मिलने वाली राहत राशि में से काटा जाएगा।

शिमला (भूपिन्द्र): केंद्र सरकार ने जो राहत राशि हिमाचल को दी है, वह ऊंट के मुंह में जीरे के समान है। केंद्र ने 200 करोड़ रुपए की अग्रिम राहत राशि प्रदान की है लेकिन पता नहीं इसे हिमाचल को अगले साल मिलने वाली राहत राशि में से काटा जाएगा। बेहतर होता केंद्र सरकार हिमाचल को अलग से राहत पैकेज जारी करती। यह बात कृषि मंत्री चंद्र कुमार ने वीरवार को शिमला में मीडिया से अनौपचारिक बातचीत में कही। उन्होंने कहा कि प्रदेश में आपदा के कारण बड़े पैमाने पर सड़कें अवरुद्ध पड़ी हैं। किसान व बागवान अपने उत्पाद मंडियों तक नहीं पहुंचा पा रहे हैं। ट्रक सड़कों किनारे खड़े हैं। फसलें तबाह हो गई हैं, ऐसे में जनजीवन सामान्य होने में अभी समय लगेगा। 

सीमित साधन के बावजूद सीएम ने 1000 करोड़ रुपए रिलीज किए
चंद्र कुमार ने कहा कि सीमित साधन के बावजूद सीएम ने 1000 करोड़ रुपए रिलीज किए हैं। उन्होंने कहा कि हालांकि प्रदेश सरकार ने राहत राशि बढ़ाई है, लेकिन किसानों को खेतों को ठीक करना आसान नहीं होगा। उन्होंने कहा कि आपदा के कारण प्रदेश की जीडीपी कम होगी क्योंकि राज्य के होटल खाली पड़े हैं। राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सैलानियों के मन में भय के वातावरण को दूर करना होगा। 

रिहायशी क्षेत्रों में ड्रेनेज सिस्टम को करना होगा ठीक : सुंदर सिंह
सीपीएस सुंदर सिंह ठाकुर ने कहा कि पहाड़ों पर रिहायशी इलाकों में बने घरों में ड्रेनेज सिस्टम ठीक नहीं होने के कारण खतरा बना हुआ है। इसलिए ड्रेनेज सिस्टम ठीक करना होगा, साथ ही इन क्षेत्रों में प्राथमिकता के आधार पर पुनर्वास के कार्य करने होंगे। हालांकि एनजीओ व अन्य लोग सहायता कर रहे हैं किन नुक्सान का आंकड़ा अधिक होने के कारण सभी को दिल खोलकर सहयोग करना होगा। अब समय आ गया है कि विशेषज्ञों की सलाह पर ही विकास व निर्माण कार्य करने होंगे तथा अधिकांश बजट रिस्टोरेशन के कार्य में लगाना होगा। 

नदियों के बीच से मलबा व चट्टानें हटाने की दी जाए अनुमति
सुंदर सिंह ने कहा कि नदियों के बीच में मलबा व बड़ी-बड़ी चट्टानें आ गई हैं, जिस कारण पानी तटों को नुक्सान पहुंचा रहा है। इसलिए केंद्र सरकार, वन विभाग व अन्य संबंधित एजैंसियां नदियों के बीच से मलबा व बड़ी-बड़ी चट्टानों को हटाने की अनुमति दें तथा इन चट्टानों को तटों पर रखा जाए, साथ ही सिल्वी कल्चर यानी पुराने पेड़ों को काटने की भी मंजूरी प्रदान की जानी चाहिए। इसके अलावा कुल्लू जिले में पलचान से लेकर औट तक ब्यास के तटीकरण का प्रोजैक्ट केंद्र के पास लटका पड़ा है, साथ ही सड़कों पर फ्लाई ओवर व सुरंगें बनाने को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। 

ड्रेनेज के लिए रखेंगे अलग बजट : विक्रमादित्य सिंह
लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा ड्रेनेज के लिए अलग से बजट का प्रावधान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य में 750 सड़कें बंद पड़ी हैं। बद्दी हाईवे के पुल को ठीक करवाने का प्रयास किया जा रहा है। शिमला में लोक निर्माण विभाग व नगर निगम संयुक्त रूप से सड़कों को बहाल कर रहा है तथा पेड़ों को सड़कों से हटा रहा है। उन्होंने लोगों से सतर्क रहने तथा प्रशासन व सरकार को पूर्ण सहयोग देने का आग्रह किया है। उन्होंने वीरवार को भी शहर की सड़कों का निरीक्षण किया। 

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