Edited By Vijay, Updated: 16 Feb, 2025 03:14 PM
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बद्दी-बरोटीवाला मार्ग पर स्थित बाल्द नदी में अवैध खनन अपने चरम पर है। भूमि समतल करने के नाम पर दिन-रात भारी मशीनरी के साथ खनन माफिया सक्रिय है।
बरोटीवाला (बलबीर): बद्दी-बरोटीवाला मार्ग पर स्थित बाल्द नदी में अवैध खनन अपने चरम पर है। भूमि समतल करने के नाम पर दिन-रात भारी मशीनरी के साथ खनन माफिया सक्रिय है। यह खनन एसपी कार्यालय से मात्र 500 मीटर की दूरी पर खुलेआम जारी है, जिससे प्रशासन की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं।
24 घंटे चल रहा अवैध खनन
बाल्द नदी क्षेत्र में चार दर्जन से अधिक टिप्पर, तीन से चार पोकलेन और आधा दर्जन जेसीबी मशीनें लगातार धरती का सीना छलनी करने का काम कर रही हैं। ऐसा प्रतीत होता है कि पूरा बीबीएन क्षेत्र का खनन माफिया यहां सक्रिय है, जो सरकारी संपत्ति का दोहन कर रहा है। ट्रकों के जरिए लाखों का लघु खनिज स्टोन क्रशरों तक पहुंचाया जा रहा है, लेकिन खनन विभाग और पुलिस प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है।
प्रशासन की मिलीभगत का आरोप
स्थानीय लोगों का कहना है कि पुलिस, प्रशासन और खनन विभाग की मिलीभगत के बिना यह संभव नहीं है। बाल्द नदी पर निजी भूमि समतल करने की आड़ में खनन हो रहा है, जबकि सरकारी जमीन भी इसकी चपेट में आ चुकी है। स्टोन क्रशरों तक रोजाना सैकड़ों टिप्पर और ट्रैक्टर पहुंच रहे हैं, लेकिन सरकारी रिकॉर्ड में केवल 5 प्रतिशत खनन ही दर्ज किया जा रहा है, जिससे प्रदेश सरकार को लाखों रुपए के राजस्व का नुक्सान हो रहा है।
ग्रामीणों के विरोध पर भागे खनन माफिया
शनिवार को जब स्थानीय किसान हरभजन सिंह, गुरमीत सिंह, मदन दीप, राजिंद्र, अशोक, जसवीर सिंह, गगन चौधरी, नवनीत ठाकुर, देशराज, प्यारा सिंह, अमर सिंह और गुरदीप सिंह मौके पर पहुंचे, तो खनन माफिया के लोग टिप्पर और जेसीबी लेकर भाग निकले। पोकलेन मशीनों को एक फैक्ट्री में छिपा दिया गया। ग्रामीणों ने पहले पुलिस को सूचना दी, लेकिन जब कोई कार्रवाई नहीं हुई तो उन्होंने स्वयं खनन रोकने का प्रयास किया।
ड्रोन कैमरे से हुआ पर्दाफाश
ग्रामीणों ने ड्रोन कैमरे की मदद से अवैध खनन का वीडियो बनाया, जिसमें बड़े पैमाने पर जारी खनन की पोल खुल गई। जब खनन माफिया को इसकी भनक लगी तो उन्होंने अपनी मशीनें हटा लीं।
सरकार को करोड़ों का नुक्सान, पर्यावरण को खतरा
खनन माफिया की यह गतिविधियां न केवल राजस्व का नुक्सान कर रही हैं, बल्कि आसपास के उद्योगों और बिजली विभाग के टावरों को भी खतरे में डाल रही हैं। बाल्द नदी पहले भी 2023 में भारी नुकसान कर चुकी है। हाल ही में लोरियाल कंपनी ने करोड़ों रुपये खर्च कर नदी पर सुरक्षा दीवार बनाई थी, जो अब खतरे में है।
क्या कहते हैं अधिकारी
एएसपी बद्दी अशोक वर्मा ने कहा कि पुलिस समय-समय पर कार्रवाई करती है और नदियों में अवैध खनन करने वाली मशीनरी को जब्त कर जुर्माना लगाती है। बाल्द नदी में हो रहे इस खनन की जानकारी नहीं थी, इसकी जांच की जाएगी। वहीं खनन अधिकारी हरविंद्र सिंह का कहना है कि खनन विभाग की टीमें नियमित निरीक्षण करती हैं। लोगों की शिकायतों पर तुरंत कार्रवाई की जाती है। फिलहाल मैं अवकाश पर हूं, ताजा स्थिति की जानकारी लेकर कार्रवाई की जाएगी।
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