पार्वती-2 जल विद्युत परियोजना के पावर हाऊस की प्रैशर शाफ्ट टनल से भारी रिसाव, विद्युत उत्पादन ठप्प

Edited By Vijay, Updated: 17 Nov, 2023 10:18 PM

massive leakage from pressure shaft tunnel of power house of parvati 2

एनएचपीसी की पार्वती-2 जल विद्युत परियोजना के सैंज सिऊंड स्थित पावर हाऊस की प्रैशर शाफ्ट टनल से भारी मात्रा में जल रिसाव शुरू हो गया है। शुक्रवार सायंकाल को पावर हाऊस के पास वॉटम लाइन से भारी मात्रा में पानी बाहर आने से परियोजना प्रबंधन में हड़कंप मच...

सैंज (बुद्धि सिंह): एनएचपीसी की पार्वती-2 जल विद्युत परियोजना के सैंज सिऊंड स्थित पावर हाऊस की प्रैशर शाफ्ट टनल से भारी मात्रा में जल रिसाव शुरू हो गया है। शुक्रवार सायंकाल को पावर हाऊस के पास वॉटम लाइन से भारी मात्रा में पानी बाहर आने से परियोजना प्रबंधन में हड़कंप मच गया। गनीमत रही कि जल रिसाव दिन के समय हुआ तथा उस समय परियोजना का कोई कर्मचारी भी टनल के बाहर नहीं था अन्यथा बड़ा हादसा भी पेश आ सकता था। अचानक हुए जल रिसाव के बाद परियोजना इंजीनियरों की टीम हरकत में आई लेकिन लीकेज के कारणों का जल्द पता लगाना मुश्किल है। सर्ज शाफ्ट से पावर हाऊस तक आने वाली प्रैशर शाफ्ट टनल को बंद कर दिया गया तथा जीवानाला और पंचानाला के पानी को भी डायवर्ट कर दिया गया, जिसके चलते पावर हाऊस में विद्युत उत्पादन भी ठप्प हो गया है। हालांकि परियोजना प्रबंधन इसे पेन स्टॉक में पानी के वाल्व की खराबी से हुई छोटी-मोटी खामी मानकर चल रहा है लेकिन रिसाव के असली कारणों का पता तो टनल से पानी खाली होने के बाद ही चल पाएगा। टनल में पानी बंद करने के बाद देर रात तक पानी का बहाव कम हो गया है। पानी सूख जाने के बाद इंजीनियर शनिवार को ही अंदर जाकर रिसाव के असली कारणों का पता लगा पाएंगे।

पार्वती-2 परियोजना का निर्माण पूरा करने के लिए सितम्बर, 2024 का लक्ष्य निर्धारित 
एनएचपीसी द्वारा 2 दशकों से अधिक समय से निर्माणाधीन पार्वती-2 परियोजना का निर्माण पूरा करने के लिए सितम्बर, 2024 का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। हालांकि पावर हाऊस की एक यूनिट में जीवानाला तथा पंचानाला के पानी से ट्रायल के आधार पर उत्पादन शुरू कर दिया गया है। गत दिनों ही परियोजना की मुख्य सुरंग की खुदाई का कार्य पूर्ण हुआ है, लेकिन निर्माण कार्य पूर्ण होने से पहले ही पावर हाऊस के पास भारी जल रिसाव से परियोजना प्रबंधन की मुश्किलें बढ़ गई हैं तथा एनएचपीसी द्वारा परियोजना की सैंकड़ों वर्ष की गारंटी पर भी सवाल उठ सकते हैं।

ग्रामीणों में भी दहशत का माहौल
भारी मात्रा में जल रिसाव होने पर पावर हाऊस के साथ लगते 3 गांवों के लोग भी दहशत में हैं। खड़ोआ, जीवा तथा भईवल गांव के लोग अपने आप को असुरक्षित मान रहे हैं। पावर हाऊस से करीब 200 मीटर की दूरी पर बसे भईवल गांव में वर्ष 2022 में भी पहाड़ी से भारी मात्रा में जल रिसाव हुआ था तथा गांव के पीछे की पहाड़ी दरकने से कई रिहायशी मकानों को नुक्सान हुआ था। वहीं पावर हाऊस निर्माण के दौरान पावर हाऊस की पीछे वाली पहाड़ी के कई बार दरकने से जीवा गांव के घरों को दरारें आने से खाली करना पड़ा था। ग्रामीणों राजेश वशिष्ठ, देवेश शर्मा, कृष्ण शर्मा, निर्मल मिश्रा, राम सिंह, दिले राम, दलीप सिंह व चेत राम का कहना है कि इस तरह पावर हाऊस के पास भारी मात्रा में जल रिसाव से उनके गांव के लिए खतरा पैदा हो गया है। ग्रामीणों ने बताया कि पावर हाऊस के समीप गांव होने के चलते उन्होंने कई बार एनएचपीसी तथा प्रशासन के समक्ष सुरक्षा को लेकर अपनी मांग रखी है, लेकिन उसकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है तथा वे खतरे के साये में जीवन व्यतीत कर रहे हैं।

क्या कहते हैं अधिकारी
एनएचपीसी के कार्यपालक निदेशक निर्मल सिंह ने कहा कि पावर हाऊस के पास जो जल रिसाव हुआ है, वह छोटी-मोटी तकनीकी खराबी हो सकती है। कारणों का पता लगाने के लिए इंजीनियरों की टीम जुट गई तथा इसे जल्द ठीक किया जाएगा।
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