Edited By Kuldeep, Updated: 11 Nov, 2024 12:26 PM
जिला मंडी के उपमंडल करसोग में जंगली फलों के बीजों का सेवन करने से 13 स्कूली छात्र- छात्राओं के बीमार होने का मामला प्रकाश में आया है।
करसोग (यशपाल): जिला मंडी के उपमंडल करसोग में जंगली फलों के बीजों का सेवन करने से 13 स्कूली छात्र- छात्राओं के बीमार होने का मामला प्रकाश में आया है। मामला ग्राम पंचायत साहज के गुजरोधार गांव का बताया जा रहा है। शुक्रवार को स्कूल से छुट्टी होने के बाद छात्रों ने घर लौटते हुए जंगली फलों को तोड़कर उनके बीज निकाल कर खाना शुरू किया। बीजों का सेवन करने के बाद उन्हें घर पहुंचना तक मुश्किल हो गया। सभी छात्र-छात्राओं की तबीयत अचानक बिगड़ने लगी और उन्हें उल्टियां होने लगी। रास्ते से गुजर रहे कुछ राहगीरों ने बच्चों की हालत को देखा और उनके परिजनों को सूचित किया। सूचना मिलते ही प्राइमरी स्कूल गुजरोधार के एसएमसी प्रधान गुलाब सिंह, हाई स्कूल गुजरोधार के एसएमसी प्रधान तोता राम सहित अन्य अभिभावक मौके पर पहुंचे तथा बच्चों को निजी वाहनों में बैठाकर जिला शिमला के सुन्नी स्थित नागरिक अस्पताल में उपचार के लिए पहुंचाया।
अस्पताल में ड्यूटी पर तैनात चिकित्सकों ने बच्चों की गंभीर हालत को देखते हुए उन्हें फर्स्ट एड देने के बाद आईजीएमसी शिमला रैफर कर दिया। शुक्रवार रात को सभी छात्र-छात्राओं को उपचार के लिए आईजीएमसी में भर्ती किया गया तथा शनिवार देर शाम सभी छात्र-छात्राओं को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। बीमार हुए छात्र-छात्राओं में पांशुल (12), मनदीप (10), पायल (13), साक्षी (10), युवराज (13), ईशान (13), मोहित (11), हर्षा (13), मयूर (7), तमन्ना (10), ज्योति (13), प्रीति (9) तथा प्रिया (15) शामिल हैं। सभी छात्र-छात्राओं की हालत स्थिर बताई जा रही है। इस मामले में सूचना मिलने के बाद करसोग पुलिस ने भी रपट दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
रिलीफ मैनुअल के आधार पर मिलेगी फौरी राहत
मामले को लेकर कार्यकारी उपमंडलाधिकारी (नागरिक) एवं तहसीलदार करसोग डाक्टर वरुण गुलाटी ने बताया कि बच्चों के बीमार होने की जानकारी मिली है। संबंधित क्षेत्र के पटवारी को बच्चों के परिजनों से अस्पताल में हुए इलाज की जानकारी जुटाने को कहा गया है। रिलीफ मैनुअल के आधार पर छात्र-छात्राओं के परिजनों को फौरी राहत वितरित कर दी जाएगी।