Edited By Vijay, Updated: 09 Aug, 2024 06:45 PM
मंडी जिले के पधर उपमंडल के तेरंग गांव में 31 जुलाई की मध्यरात्रि को बादल फटने से आई आपदा ने इलाके को हिला कर रख दिया। इस विनाशकारी सैलाब ने 6 परिवारों के 10 लोगों को हमेशा के लिए जुदा कर दिया और 4 परिवारों के घरों को भी बहा ले गया।
पधर/मंडी (किरण): मंडी जिले के पधर उपमंडल के तेरंग गांव में 31 जुलाई की मध्यरात्रि को बादल फटने से आई आपदा ने इलाके को हिला कर रख दिया। इस विनाशकारी सैलाब ने 6 परिवारों के 10 लोगों को हमेशा के लिए जुदा कर दिया और 4 परिवारों के घरों को भी बहा ले गया। मंडी जिला प्रशासन ने पहले दिन से ही लापता लोगों की खोज में पूरी ताकत झोंक दी, लेकिन हादसे की भयावहता इतनी ज्यादा थी कि बड़ी-बड़ी चट्टानों के बीच फंसे लोगों को निकालना एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस और होमगार्ड की सर्च टीमों के लिए चुनौतीपूर्ण हो गया।
वहीं मृतकों के परिजन प्रार्थना कर रहे थे कि उनके लापता परिजन की देह मिल जाए ताकि वे उनका अंतिम संस्कार कर सकें। इसी निराशा के बीच आशा की किरण बने पोकलेन ऑप्रेटर अश्वनी कुमार, जिन्होंने अपनी जान की परवाह किए बिना उस स्थान पर पोकलेन मशीन पहुंचाई, जहां पैदल चलना भी कठिन था। अश्वनी कुमार पिछले 5 दिनों से रोजाना 12 घंटे से अधिक समय तक मशीन चलाकर रैस्क्यू टीम की मदद कर रहे हैं। उनकी बहादुरी और समर्पण को लोग सलाम कर रहे हैं। अगर पोकलेन मशीन वहां नहीं पहुंचती, तो चट्टानों के नीचे फंसे शवों को निकालना संभव नहीं होता।
पोकलेन ऑप्रेटर अश्वनी कुमार जिला कांगड़ा के ज्वाली के गांव रजोल कोटला के निवासी हैं उन्होंने ने कहा कि उनकी कोशिश है कि लापता व्यक्तियों को जल्द से जल्द खोजकर उनके परिजनों को सौंपा जाए। फिलहाल हरदेव नामक एक व्यक्ति की तलाश जारी है और अश्वनी कुमार अपनी मशीन से लगातार मलबे को हटाकर उसे खोजने का प्रयास कर रहे हैं।
एडीएम मंडी डॉ. मदन कुमार ने अश्वनी कुमार के कार्य की सराहना की और कहा कि उन्होंने ऐसी चट्टानों को हटा दिया, जिन्हें एक मशीन से हटाना असंभव लग रहा था। उन्होंने उम्मीद जताई कि अगर हरदेव का शव चट्टान के नीचे कहीं गहरी जगह पर भी फंसा हुआ होगा तो अश्वनी कुमार उसे जरूर ढूंढ निकालेंगे।
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