MA पास युवा ने बेरोजगारों को दिखाया कमाई का रास्ता, खेती को बनाएं Professional पेशा

Edited By kirti, Updated: 24 Feb, 2020 02:05 PM

ma pass youth shows the way to the unemployed

करसोग में एक उच्च शिक्षित युवा ने प्रदेश भर के बेरोजगारों को घर बैठे ही खेती किसानी से ही एक अच्छे खासे रोजगारी की राह दिखाई है। करसोग के गड़ा माहूं के एमए पास नौजवान पूर्ण चंद ने नौकरी के पीछे न भागकर ....

करसोग (धर्मवीर): करसोग में एक उच्च शिक्षित युवा ने प्रदेश भर के बेरोजगारों को घर बैठे ही खेती किसानी से ही एक अच्छे खासे रोजगारी की राह दिखाई है। करसोग के गड़ा माहूं के एमए पास नौजवान पूर्ण चंद ने नौकरी के पीछे न भागकर बुजुर्गों के खेतीबाड़ी के पेशे को आगे बढ़ाने का निर्णय लिया। हालांकि शुरू में मौसम से संबधित कई तरह की चुनौतियों का सामना भी करना पड़ा, लेकिन अपने मजबूत इरादों और कड़ी मेहनत से इस तरह की विपरीत परिस्थितियों से भी पार पा कर अब पूर्ण चंद हर साल लाखों की कमाई कर रहे हैं। यही नहीं कई अन्य युवा भी इस नौजवान से प्रेरणा लेकर खेतीबाड़ी करने लगे हैं। पूर्ण चंद अब खेतों में सब्जियों की पैदावार लेते हैं और आज खेती किसानी के पेशे में अपने इलाके का एक बड़ा नाम है। वह चाइना केबिज सहित बीन व मटर की पैदावार करते हैं। उन्होंने कहा कि इन्ही सब्जियों से घर बैठे सालभर में अच्छी खासी कमाई हो जाती है।
PunjabKesari

मनरेगा में लिया टैंक और बदल गई तकदीर
पूर्ण चंद ने बताया कि खेती किसानी की शुरुआत में उसे कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ा। उन्होंने कहा कि गड़ा माहूं में सबसे बड़ी समस्या सिंचाई की थी। उन्होंने कहा कि यहां खेती सिर्फ बारिश के पानी पर ही निर्भर है। जिस कारण उन्हें भी इस समस्या से दो चार होना पड़ा, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। मौसम की परेशानी से पार पाने के लिए उन्होंने पिछले ही साल मनरेगा में 90 हजार का टेंक तैयार किया और उसी साल खरीफ के सीजन में घर के आगे एक छोटे से खेत में चाइना गोभी की खेती की। अब सिंचाई के लिए पानी की सुविधा होने से पहले ही सीजन में इस खेत मे 1.30  लाख की गोभी पैदा कर दी। रबी के इस सीजन में उन्होंने मटर की बिजाई की है और उम्मीद है कि 50 से 60 हजार की मटर इस छोटे से खेत में तैयार हो जाएगी। यही नहीं गर्मियों के सीजन में अब उन्होंने चार से पांच खेतों में चाइना गोभी लगाने का लक्ष्य रखा है।

उनका कहना है कि नौकरी के पीछे न भाग कर बुजुर्गों की खेतीबाड़ी के पेशे पर ध्यान दिया। उन्होंने कहा कि गांव में पानी की समस्या थी। खेती के लिए बारिश पर ही निर्भर रहना पड़ता है। इस समस्या को दूर करने के लिए मनरेगा में 90 हजार का टेंक लिया और खरीफ के सीजन में छोटे से खेत मे चाइना केबिज लगाई जिससे उन्हें 1 से 1.30 की गोभी की फसल ली।

 

 

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!