Edited By Vijay, Updated: 05 Dec, 2021 07:57 PM
जिला किन्नौर कांग्रेस द्वारा रिकांगपिओ में 2 दिसम्बर के बाद कपड़ा बैंक की एक मुहिम शुरू की गई थी जो करीब 10 दिनों तक चलनी थी लेकिन इस कपड़ा बैंक को पुलिस प्रशासन ने हटा दिया है। बता दें कि किन्नौर कांग्रेस द्वारा वर्षाशालिका में यह कपड़ा बैंक चलाया...
किन्नौर (अनिल): जिला किन्नौर कांग्रेस द्वारा रिकांगपिओ में 2 दिसम्बर के बाद कपड़ा बैंक की एक मुहिम शुरू की गई थी जो करीब 10 दिनों तक चलनी थी लेकिन इस कपड़ा बैंक को पुलिस प्रशासन ने हटा दिया है। बता दें कि किन्नौर कांग्रेस द्वारा वर्षाशालिका में यह कपड़ा बैंक चलाया जा रहा था, जिसके माध्यम से कांग्रेस कार्यकर्ता असहाय व जरूरतमंद लोगों को पहनने के लिए कपड़े इत्यादि नि:शुल्क बांट रहे थे। इस कपड़ा बैंक में लोगों द्वारा पुराने व खरीदकर नए कपड़े जमा करवाए जा रहे थे लेकिन पुलिस प्रशासन ने आज रिकांगपिओ वर्षाशालिका से इस कपड़ा बैंक को हटाने के निर्देश दे दिए, जिसके बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं व पुलिस के बीच जमकर बहसबाजी हो गई।
भाजपा के चंद नेताओं ने बनाया प्रशासन पर दबाव : दयाल नेगी
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सोशल मीडिया सदस्य दयाल नेगी ने रिकांगपिओ में प्रैस वार्ता के दौरान कहा कि भाजपा के चंद नेताओं ने प्रशासन पर दबाव बनाकर कांग्रेस द्वारा चलाए जा रहे कपड़ा बैंक को हटाया है जोकि बिल्कुल भी सही नहीं है। उन्होंने कहा कि भाजपा नेताओं से गरीबों की मदद देखी नहीं जा रही थी, जिसके चलते उन्होंने इस कार्य को अंजाम दिया है।
किराए पर दुकान लेकर फिर शुरू किया कपड़ा बैंक
दयाल नेगी ने कहा कि किन्नौर कांग्रेस द्वारा इससे पूर्व भी कोविड काल में फूड बैंक चलाया गया था, जिसके तहत गरीबों व असहाय लोगों को भोजन आबंटित किया जाता था और अब कपड़ा बैंक के माध्यम से लोगों को सर्दियों के मद्देनजर कपड़े आबंटित किए जा रहे थे लेकिन भाजपा नेताओं ने पुलिस प्रशासन के माध्यम से इसे हटवा दिया। इसके बावजूद भी जिला कांग्रेस ने बाजार में किराए पर दुकान लेकर कपड़ा बैंक की शुरूआत की है और असहाय लोगों कपड़े आबंटित किए जाएंगे।
हिमाचल की खबरें Twitter पर पढ़ने के लिए हमें Join करें Click Here
अपने शहर की और खबरें जानने के लिए Like करें हमारा Facebook Page Click Here