Chamba: छतरी ब्लाॅक में सरकारी जमीन से उखाड़ी जा रही कसमल, वन विभाग बेखबर

Edited By Vijay, Updated: 28 Dec, 2025 06:21 PM

kasmal plants uprooted from government land department unaware

चम्बा जिले के छत्तरी ब्लॉक में मौजूद औषधीय पौधे कसमल पर खतरे के बादल मंडरा रहे हैं। वन विभाग इस पर कोई गम्भीरता नहीं दिखा रहा है। क्षेत्र में बड़े स्तर पर सरकारी जमीनों से कसमल को उखाड़ने का अवैध काम चला हुआ है।

तीसा (सुभानदीन): चम्बा जिले के छत्तरी ब्लॉक में मौजूद औषधीय पौधे कसमल पर खतरे के बादल मंडरा रहे हैं। वन विभाग इस पर कोई गम्भीरता नहीं दिखा रहा है। क्षेत्र में बड़े स्तर पर सरकारी जमीनों से कसमल को उखाड़ने का अवैध काम चला हुआ है। इस पर न तो प्रशासन और न विभाग सख्ती बरत रहा है। इनकी खुली छूट होने से ही क्षेत्र में ठेकेदार डेरा जमाए हुए हैं। यही नहीं, वन विभाग ने यहां कसमल उखाड़ने को लेकर रोक लगाई हुई है। बावजूद इसके इन क्षेत्रों में ठेकेदार कसमल खरीदने में डटे हुए हैं। इसका जीता जागता सबूत यहां सड़क किनारे लगे कसमल के बड़े-बड़े ढेर हैं।

लाेग का आराेप, मात्र दिखावे के लिए सख्ती बरत रहा विभाग 
वन विभाग इसकी जानकारी होते हुए भी मूकदर्शक बना हुआ है। रोजाना टनों के हिसाब से कसमल उखाड़ी जा रही है, जिनकी अनुमति वन विभाग के अधिकारी रोजाना दे रहे हैं। सरकारी जमीन पर कसमल उखाड़ने को लेकर लोगों ने सवाल खड़े करना शुरू कर दिया है। लोगों का कहना है कि वन विभाग मात्र दिखावे के लिए सख्ती बरत रहा है, जबकि हकीकत कुछ और ही है। यहां रोजाना हजारों टन कसमल उखाड़ी जा रही है, जबकि वन विभाग को इसकी पूरी जानकारी है कि कसमल सरकारी जमीनों से निकाली जा रही है। यदि वन विभाग ने इसके प्रति अपनी गंभीरता नहीं दिखाई तो यह विलुप्त होने की कगार पर पहुंच जाएगी।

खत्म हो गए चारागाह, जमीनें धंसने का खतरा बढ़ा
चुराह क्षेत्र में कसमल की जड़ें निकालने का काम जोरों पर चला हुआ है। वन भूमि व चारागाह से कसमल निकालने का काम बेखौफ चला हुआ है। वहीं चारागाह से जड़ें निकालने के बाद यहां पशु चराने लायक नहीं रहे। वहीं इन स्थानों पर अब जमीन की पकड़ भी कमजोर हो गई है। भारी बारिश होने के बाद यहां जमीन धंसने का खतरा बढ़ गया है। कई वर्ष बाद लोगों को मिलकीयत भूमि से कसमल की जड़ें निकालने की मिली मंजूरी के बाद वन भूमि से अवैध तरीके से उखाड़ी जा रही है। स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि यदि वन विभाग ने इस कार्यप्रणाली पर लगाम नहीं लगाई तो आने वाले समय में कसमल का एक भी पौधा देखने को नहीं मिलेगा।  

क्या कहते हैं विभाग के अधिकारी
उधर, डीएफओ चुराह सुशील गुलेरिया ने बताया कि कसमल उखाड़ने पर रोक लगाई गई है। किसी भी प्रकार के लाइसैंस जारी नहीं किए जा रहे हैं। बिना जांच के कोई भी कसमल नहीं उखाड़ सकता है, टीम को इस बारे में सख्त निर्देश दिए गए हैं।
 

Related Story

Trending Topics

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!