Edited By Kuldeep, Updated: 30 Dec, 2024 03:53 PM
हिमाचल में शिक्षा विभाग में शिक्षा उपनिदेशक के 38 पद खाली पड़े हैं। सिर्फ तीन पद ही भरे हुए हैं। इसमें भी 2 पदों पर सेवानिवृत्त उपनिदेशकों को सेवा विस्तार के तहत दोबारा नियुक्ति दी गई है जबकि एक पद पर शिक्षा उपनिदेशक नियुक्त हैं।
चम्बा (काकू) : हिमाचल में शिक्षा विभाग में शिक्षा उपनिदेशक के 38 पद खाली पड़े हैं। सिर्फ तीन पद ही भरे हुए हैं। इसमें भी 2 पदों पर सेवानिवृत्त उपनिदेशकों को सेवा विस्तार के तहत दोबारा नियुक्ति दी गई है जबकि एक पद पर शिक्षा उपनिदेशक नियुक्त हैं। इससे शिक्षा व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं। स्कूल लैक्चरर कैडर से पदोन्नत हुए प्रधानाचार्यों ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू एवं शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर से खाली पदाें को भरने की मांग की है। प्रधानाचार्य विकास महाजन, डाक्टर सुनील, राजेंद्र, गोपाल, हेमेंद्र, अश्विनी ठाकुर, सुशील शर्मा, निशा, पूनम, रेणू, शांता, कुलदीप, अरुण, ओंकार, नीरज व बलविंद्र आदि ने कहा कि उच्च न्यायालय के निर्णय के अनुसार जल्द शिक्षा उपनिदेशक की पदोन्नति सूची जारी की जाए ताकि विभाग को नियमित डिप्टी डायरैक्टर मिल सकें।
उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में अधिकतर जिलों में जूनियर प्रधानाचार्य को वरिष्ठता की अनदेखी कर डिप्टी डायरैक्टर का अतिरिक्त कार्यभार दिया गया है, जिससे वरिष्ठ प्रधानाचार्यों में रोष व्याप्त है। ऐसा करने से सरकार के ही आदेशों की अवहेलना हो रही है। उन्होंने कहा कि एक जूनियर अपने सीनियर की एसीआर लिख रहे हैं। ऐसे में शिक्षा की गुणवत्ता पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। लंबे समय से डिप्टी डायरैक्टर पदों पर नियुक्ति न होने से योग्य प्रधानाचार्य सेवानिवृत्त हो रहे हैं। प्रदेश में डिप्टी डायरैक्टर के 41 पद स्वीकृत हैं। इसमें से 38 पद रिक्त पड़े हैं और 2 पर सेवानिवृत्त उपनिदेशक को दोबारा नियुक्ति दी गई है। लगभग 14 वर्ष से प्रधानाचार्य पद पर काम कर रहे प्रधानाचार्य लंबे समय से पदोन्नत न होने से कुंठाग्रस्त महसूस कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि डिप्टी डायरैक्टर की पदोन्नति की कोई भी सूची सितम्बर 2021 के बाद से नहीं निकली है। उन्होंने मुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री से योग्य एवं वरिष्ठ प्रधानाचार्य को डिप्टी डायरैक्टर बनाकर नए वर्ष का तोहफा देने की उम्मीद जताई है।