Edited By Ekta, Updated: 18 Jun, 2019 02:58 PM
भाजपा के नवनियुक्त राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा की ताजपोशी के बाद प्रदेशभर में खुशी की लहर है। पहली बार हिमाचल मूल के किसी नेता को सतारूढ़ या किसी राष्ट्रीय दल में इतनी बड़ी जिम्मेवारी दी गई है। बता दें कि भाजपा संगठन की कुर्सी तक पहुंचने के...
कांगड़ा: भाजपा के नवनियुक्त राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा की ताजपोशी के बाद प्रदेशभर में खुशी की लहर है। पहली बार हिमाचल मूल के किसी नेता को सतारूढ़ या किसी राष्ट्रीय दल में इतनी बड़ी जिम्मेवारी दी गई है। बता दें कि भाजपा संगठन की कुर्सी तक पहुंचने के लिए जेपी नड्डा की कामयाबी के पीछे सबसे बड़ा हाथ हिमाचल की सियासी प्रयोगशाला कांगड़ा का रहा है। महज 29 साल की उम्र में उनको भाजपा में कांगड़ा-चंबा संसदीय क्षेत्र के प्रभारी के तौर पर संगठन में पहली बड़ी जिम्मेदारी मिली थी। इतना ही नहीं वह हिमाचल सरकार में मंत्री पद तक छोड़कर दिल्ली चले गए थे। अब उन्हें इस त्याग का पुरस्कार मिला है और वह हिमाचल सरकार तथा यहां संगठन दोनों के लिए भी मुफीद होंगे।
नड्डा के प्रभारी रहते ही शांता कुमार ने 1989 में लोकसभा चुनाव में कांगड़ा सीट जीती थी। इसके तुरंत बाद 1990 में विधानसभा चुनाव हुए। इस दौरान भी जेपी नड्डा ही कांगड़ा सीट के प्रभारी थे। कांगड़ा से सक्रिय राजनीति का सियासी सफर ऐसा शुरू हुआ कि नड्डा को 1993 में बिलासपुर सदर से टिकट मिला और जीत भी हासिल कर ली। इसी बीच वह नेता प्रतिपक्ष बने। राजनीति की चौसर पर कांगड़ा जिला नड्डा के लिए लक्की साबित रहा।