Edited By Vijay, Updated: 05 Aug, 2025 05:36 PM

बिजली बोर्ड कर्मचारी, इंजीनियर्ज, पैंशनर्ज और आऊटसोर्ट की ज्वाइंट एक्शन कमेटी और बोर्ड प्रबंधन के बीच पिछले कई दिनों से चला विवाद फिलहाल थम गया है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के हस्तक्षेप के बाद बढ़ते विवाद को विराम लगा है।
शिमला (राजेश): बिजली बोर्ड कर्मचारी, इंजीनियर्ज, पैंशनर्ज और आऊटसोर्ट की ज्वाइंट एक्शन कमेटी और बोर्ड प्रबंधन के बीच पिछले कई दिनों से चला विवाद फिलहाल थम गया है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के हस्तक्षेप के बाद बढ़ते विवाद को विराम लगा है। मुख्यमंत्री ने 12 अगस्त को ज्वाइंट एक्शन कमेटी को वार्ता के लिए बुलाया है। मुख्यमंत्री की ओर से वार्ता तिथि निर्धारित कर बैठक के लिए बुलाने के बाद ज्वाइंट एक्शन कमेटी की आपताकालीन बैठक आयोजित की गई़़, जिसमें 7 अगस्त को प्रस्तावित धरना-प्रदर्शन को स्थगित कर करने का निर्णय लिया गया।
ज्वाइंट एक्शन कमेटी के संयोजक लोकेश ठाकुर व सह संयोजक हीरा लाल वर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री ने ज्वाइंट एक्शन कमेटी को 12 अगस्त को वार्ता के लिए बुलाया है और उसके बाद कमेटी द्वारा तत्कालीन बैठक कर प्रदेश सरकार का आभार जताया और प्रबंधन व कर्मचारियों के बीच मे चल रहे गतिरोध को कम करने की पहल का स्वागत किया। ज्वाइंट एक्शन कमेटी की बैठक से उम्मीद जताई जा रही है कि सरकार के साथ प्रस्तावित बैठक में बिजली कर्मचारियों व अभियंताओं के मुद्दों पर सकारात्मक चर्चा होगी।
कमेटी को उम्मीद, 12 अगस्त की बैठक से पहले बोर्ड वापस लेगा आदेश
कमेटी पदाधिकारियों ने कहा किबिजली बोर्ड के कर्मचारी व अभियंता काफी समय से मांगो को लेकर संघर्षरत है लेकिन आंदोलन ने उस वक्त एक नया मोड लिया जब प्रबन्धन वर्ग द्वारा बोर्ड के कार्य स्थलों पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन पर रोक के साथ साथ कर्मचारी नेताओं को चार्जशीट जारी कर दिया। ऐसे समय में मुख्यमंत्री द्वारा मामले में हस्तक्षेप करना एक सराहनीय कदम है और उम्मीद करते हैं कि बोर्ड प्रबंधन भी 12 अगस्त की बैठक से पहले बोर्ड द्वारा जारी उपरोक्त आदेशों को वापस लेकर वार्ता के लिए एक सौहार्दपूर्ण माहौल बनाएगा।