Edited By Vijay, Updated: 25 Jul, 2025 06:52 PM

बीते महीने मंडी जिला में आई भीषण प्राकृतिक आपदा ने कई परिवारों को असहनीय पीड़ा दी। इस त्रासदी में जहां कई घर उजड़ गए, वहीं कुछ मासूम बच्चे अपने माता-पिता की छांव से हमेशा के लिए वंचित हो गए।
मंडी (रजनीश): बीते महीने मंडी जिला में आई भीषण प्राकृतिक आपदा ने कई परिवारों को असहनीय पीड़ा दी। इस त्रासदी में जहां कई घर उजड़ गए, वहीं कुछ मासूम बच्चे अपने माता-पिता की छांव से हमेशा के लिए वंचित हो गए। ऐसे नौनिहालों के जीवन को नई राह देने के लिए प्रदेश सरकार उनके साथ एक संवेदनशील अभिभावक की भूमिका निभा रही है। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में प्रदेश सरकार ने "मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना" और "इंदिरा गांधी सुख शिक्षा योजना" जैसे कल्याणकारी प्रयासों को जमीन पर उतारते हुए यह सुनिश्चित किया है कि आपदा से प्रभावित बच्चों को जीवन की नई दिशा और सुरक्षा मिले। इन योजनाओं के माध्यम से उन्हें न केवल आर्थिक संबल दिया जा रहा है, बल्कि शिक्षा और संरक्षण की व्यवस्था भी की जा रही है।
नीतिका काे 27 वर्ष की आयु तक प्रतिमाह मिलती रहेगी 4000 रुपए की सहायता राशि
चच्योट तहसील की ग्राम पंचायत तलवाड़ा की रहने वाली मामूम नीतिका, जिसके माता-पिता का 30 जून 2025 की आपदा में निधन हो गया, अब मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना के तहत “चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट” घोषित की गई है। उपायुक्त मंडी अपूर्व देवगन ने बताया कि नीतिका को प्रतिमाह 4000 रुपए की सहायता राशि प्रदान की जा रही है, जो कि उसे 27 वर्ष की आयु तक मिलेगी। जुलाई और अगस्त 2025 के लिए कुल 8000 रुपए की राशि पहले ही नीतिका के बैंक खाते में ट्रांसफर कर दी गई है। यह मदद न केवल उसकी पढ़ाई बल्कि जीवन की अन्य मूलभूत आवश्यकताओं को भी पूरा करेगी।
सनारली पंचायत के बच्चों को मिली शिक्षा की सुरक्षा
करसोग क्षेत्र की ग्राम पंचायत सनारली भी इस त्रासदी की चपेट में आई। यहां के भुट्टी गांव निवासी ललित कुमार की आपदा में मृत्यु हो गई। उनके पीछे 3 मासूम बच्चे 14 वर्षीय कृतिका वर्मा, 10 वर्षीय अंशिका और 8 माह का राघव रह गए। इन तीनों बच्चों को इंदिरा गांधी सुख शिक्षा योजना में शामिल करते हुए सरकार ने प्रति बच्चा 1000 रुपए प्रतिमाह की सहायता राशि स्वीकृत की है। जुलाई और अगस्त माह के लिए 2000 रुपए प्रति बच्चे के हिसाब से यह राशि उनके संयुक्त बैंक खाते में जमा कर दी गई है। यह आर्थिक सहायता बच्चों को 18 वर्ष की आयु तक मिलती रहेगी। इसी पंचायत के सुरमू गांव में रहने वाले जीत राम की भी इस आपदा में दुखद मौत हो गई। उनके दो बेटाें 15 वर्षीय परमजीत और 12 वर्षीय रणजीत भी अब इसी योजना के अंतर्गत शैक्षणिक सहयोग प्राप्त करेंगे।
सराज क्षेत्र में और बच्चों की पहचान
उपायुक्त अपूर्व देवगन ने जानकारी दी कि सराज क्षेत्र में ऐसे 8 और बच्चों की पहचान की गई है, जो इस आपदा से प्रभावित हुए हैं और जिन्हें इन योजनाओं का लाभ दिया जाएगा। दस्तावेजी औपचारिकताएं पूरी होने के बाद इन्हें भी इंदिरा गांधी सुख शिक्षा योजना के अंतर्गत सहायता राशि मिलनी शुरू हो जाएगी। उपायुक्त ने यह भी बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देशों पर जिला प्रशासन पूरी संवेदनशीलता के साथ कार्य कर रहा है। संबंधित विभागों के सहयोग से जरूरतमंद परिवारों तक पहुंचा जा रहा है ताकि हर पात्र व्यक्ति को सरकारी योजनाओं का समय पर लाभ मिल सके।