Edited By Vijay, Updated: 07 Jan, 2025 11:09 AM
प्रदेश सरकार ने खड्डों व नालों में खनन को पूरी तरह से बैन कर रखा है, बावजूद इसके सुंदरनगर, नाचन व बल्ह विधानसभा क्षेत्र में इन दिनों अवैध खनन जोरों पर है।
सुंदरनगर (सोढी): प्रदेश सरकार ने खड्डों व नालों में खनन को पूरी तरह से बैन कर रखा है, बावजूद इसके सुंदरनगर, नाचन व बल्ह विधानसभा क्षेत्र में इन दिनों अवैध खनन जोरों पर है। उधर, प्रशासन, पुलिस और खनन महकमा अवैध खनन पर रोक लगाने के लिए दावे तो बहुत करता है परंतु जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां करती है। पुलिस व प्रशासन ट्रैक्टर और टिप्परों को अवैध रेत-बजरी के साथ पकड़ कर कागजी मात्र औपचारिकताएं पूरी करते हैं परंतु माफिया का बाल भी बांका नहीं हो पाता है जिससे इनके हौसले बुलंद हैं। इन क्षेत्रों में लगातार हो रहे अवैध खनन के कारण किसानों की भूमि में जलस्तर भी लगातार घटता जा रहा है जोकि चिंता का विषय है।
इन क्षेत्रों में हो रहा अवैध खनन
सुकेती खड्ड, घांघल खड्ड व कंसा खड्ड तथा इसके साथ लगती सहायक खड्डों में भारी-भरकम मशीनों के साथ धरती का सीना छलनी किया जा रहा है। खेत-खलिहानों में जहां रेत-बजरी उपलब्ध है, में भी इस धंधे में जुड़े लोग कहर बरपा रहे हैं। सुकेती खड्ड के किनारे मंगलाह से लेकर साई तक, काटली, हटगढ़, रड़ा, जंगम बाग, जलाह, चुनाहन, छलकी, डडोह, डिनक और डुगराईं क्षेत्र में खड्डों में खनन माफिया जेसीबी तथा अन्य तरीकों से धरती का सीना छलनी कर रहा है। इस धंधे में जुड़े लोग भोले-भाले किसानों को अपनी बातों में फंसा कर उनकी जमीन किराए पर लेकर भी खनन करके चांदी कूटने में लगे हुए हैं।
यहां की रेत-बजरी की दूसरे जिलों में भी है भारी मांग
सुंदरनगर, नाचन व बल्ह के रेत-बजरी की स्थानीय स्तर के साथ-साथ आसपास के जिलों में भवन निर्माण के अलावा अन्य बड़े प्रोजैक्ट में काफी मांग रहती है। अधिक मांग होने का एक कारण रेत-बजरी की उच्च स्तर की गुणवत्ता होना भी है। यहां से रोजाना सैंकड़ों टिप्पर व ट्रैक्टर रेत-बजरी के आसपास के इलाकों तथा दूसरे जिलों में सप्लाई होते हैं।
3 हजार में ट्रैक्टर और 5 हजार में मिलता है रेत-बजरी का टिप्पर
सुंदरनगर शहर तथा आसपास के निकटवर्ती क्षेत्रों में इन दिनों 3 हजार में ट्रैक्टर और 5 हजार में रेत-बजरी का टिप्पर मिल रहा है। जैसे-जैसे सप्लाई की दूरी बढ़ती जाएगी, वैसे-वैसे इसका भाव भी बढ़ता जाएगा। जब बरसात के दिन होते हैं तो रेत-बजरी के दामों में और अधिक उछाल आ जाता है। भवन निर्माण करना लोगों की मजबूरी होती है और इसी के चलते लोग अवैध रेत-बजरी लेने को मजबूर रहते हैं। दिन में खड्डों में खनन चलता रहता है तथा रात और तड़के माफिया से माल खरीद कर ट्रैक्टर व टिप्पर इनकी सप्लाई करते हैं।
क्या कहते हैं खनन विभाग के अधिकारी
खनन विभाग अधिकारी मंडी संतोष कुमार ने कहा कि अवैध खनन को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। खनन विभाग जिला प्रशासन व पुलिस के सहयोग से इनकी धरपकड़ के लिए अभियान जारी रखे है और आने वाले दिनों में इसमें और तेजी लाई जाएगी।
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