Edited By kirti, Updated: 13 Aug, 2019 12:05 PM
हिमाचल प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल आईजीएमसी ने एक और इतिहास रचा है या यूं कहें कि पहली बार किसी अस्पताल में किडनी ट्रांसप्लांट का सफल ऑपरेशन हुआ। किडनी ट्रांसप्लांट के लिए एम्स के चार विशेषज्ञ डॉक्टर आईजीएमसी पहुंचे थे। इन चारों विशेषज्ञ डॉक्टरों ने...
शिमला (तिलक राज) : हिमाचल प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल आईजीएमसी ने एक और इतिहास रचा है या यूं कहें कि पहली बार किसी अस्पताल में किडनी ट्रांसप्लांट का सफल ऑपरेशन हुआ। किडनी ट्रांसप्लांट के लिए एम्स के चार विशेषज्ञ डॉक्टर आईजीएमसी पहुंचे थे। इन चारों विशेषज्ञ डॉक्टरों ने आईजीएमसी में किडनी ट्रांसप्लाट के लिए भर्ती किए गए दो मरीजों का किडनी ट्रांसप्लांट किया। एक मरीज मंडी कबकी दूसरा मरीज शिमला से था।
इन मरीजों को रिश्तेदारों ने किडनी दी। आईजीएमसी शिमला के चिकित्सा अधीक्षक डॉ जनक ने बताया कि सोमवार को दोनों मरीजों का किडनी ट्रांसप्लांट सफल रहा है। आगे भी एम्स दिल्ली की टीम ही किडनी ट्रांसप्लांट के लिए शिमला आती रहेगी। आईजीएमसी के डॉक्टर भी किडनी ट्रांसप्लांट प्रक्रिया सीख रहे है। जब तक आईजीएमसी के डॉक्टर पूरी तरह से किडनी ट्रांसप्लांट में दक्ष नही हो जाते है तब तक विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम शिमला आती रहेगी। उन्होंने बताया कि सफल किडनी ट्रांसप्लांट आईजीएमसी के लिए गर्व की बात है।
अब किडनी ट्रांसप्लांट के लिए हिमाचल के लोगों को प्रदेश से बाहर नही जाना पड़ेगा।उधर किडनी ट्रांसप्लांट विशेषज्ञ डॉ ने कहा कि एक किंडनी ट्रांसप्लांट के लिए दो से तीन घंटे लगते है। सर्जरी में कई तरह की दिक्कतें होती है। किंडनी दान देने वालो के लिए कम रिस्क रहता वह 15 से 20 दिन तक बिलकुल स्वस्थ हो जाता है। जबकि जिनको किंडनी लगती है उनको काफ़ी परहेज़ रखना पड़ता है। उन्होंने बताया कि अकेले एम्स में 40 तक किंडनी ट्रांसप्लांट किए जाते हैं। जिनमें से 5 से 6 मरीज हिमाचल के होते है।