Edited By Vijay, Updated: 27 Jan, 2023 11:12 PM

हिमाचल प्रदेश के बहुचर्चित गुड़िया मामले से जुड़े सूरज हत्याकांड के आरोपी 1994 बैच के आईपीएस अधिकारी आईजी एस.जहूर हैदर जैदी के निलंबन को प्रदेश सरकार ने रद्द कर दिया है। वह 15 जनवरी, 2020 से निलंबित चल रहे थे। इस संबंध में मुख्य सचिव की ओर से...
शिमला (रमेश सिंगटा): हिमाचल प्रदेश के बहुचर्चित गुड़िया मामले से जुड़े सूरज हत्याकांड के आरोपी 1994 बैच के आईपीएस अधिकारी आईजी एस.जहूर हैदर जैदी के निलंबन को प्रदेश सरकार ने रद्द कर दिया है। वह 15 जनवरी, 2020 से निलंबित चल रहे थे। इस संबंध में मुख्य सचिव की ओर से अधिसूचना जारी हो गई है। गृह विभाग ने इसकी पुष्टि की है। यह बहाली ऑन इंडिया सर्विसिज डिसिप्लिन एंड अपील रूल्स-1969 के तहत की गई है। अब उन्हें राज्य पुलिस हैडक्वार्टर में रिपोर्ट करना होगा। इसकी सूचना गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव हिमाचल के डीजीपी को भी दी गई है। जैदी लंबे अरसे तक जेल में रहे। वह कुछ समय पूर्व ही चंडीगढ़ की सीबीआई कोर्ट से जमानत पर बाहर आए हैं।
आईपीएस अधिकारी सौम्या ने की थी शिकायत
जैदी पहले भी कोर्ट से जमानत पर छूट गए थे, लेकिन उस समय आईपीएस अधिकारी एवं शिमला की पूर्व एसपी सौम्या साम्बशिवन ने उनके खिलाफ सीबीआई केस में दबाव डालने का आरोप लगाया था, जिस कारण उनकी जमानत रद्द हो गई थी। जैदी के अलावा शिमला के पूर्व एसपी डीडब्ल्यू नेगी जमानत पर बाहर आ गए थे। वह रिटायर भी हो गए हैं। ठियोग के पूर्व डीएसपी मनोज जोशी भी बहाल हो गए थे। अन्य आरोपित पुलिस कर्मी भी जमानत पर चल रहे हैं। हालांकि इन्हें अफसरों के काफी बाद जमानत मिली थी।
क्या है मामला
कोटखाई के गांव हलाइला क्षेत्र में 15 साल की स्कूली छात्रा के साथ 4 जुलाई, 2017 को दुष्कर्म हुआ और फिर हत्या कर दी गई थी। पहले जांच पुलिस ने की। पुलिस ने जिन आरोपितों को गिरफ्तार किया, उनमें से सूरज की कोटखाई थाने की हवालात में मौत हो गई थी। आरोप है कि पुलिस कर्मियों ने उसे प्रताड़ित किया। हवालात में ही उसकी बेरहमी से पिटाई की गई, जिससे उसकी मौत हो गई थी। इससे जनता सड़क पर उतर आई थी। उसके बाद हाईकोर्ट ने दोनों मामलों की सीबीआई जांच के आदेश दिए थे।
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