Edited By Vijay, Updated: 20 Oct, 2024 08:34 PM
एचआरटीसी की छवि धूमिल करने और गलत बयानबाजी करने पर हिमाचल परिवहन कर्मचारी संयुक्त समन्वय समिति (जेसीसी) ने निजी बस ऑप्रेटरों को चेतावनी जारी की है।
शिमला (राजेश): एचआरटीसी की छवि धूमिल करने और गलत बयानबाजी करने पर हिमाचल परिवहन कर्मचारी संयुक्त समन्वय समिति (जेसीसी) ने निजी बस ऑप्रेटरों को चेतावनी जारी की है। समिति सदस्यों ने चेतावनी जारी की है कि एचआरटीसी की छवि को धूमिल करने वाली बयानबाजी बंद नहीं की तो हम उनके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई करेंगे, जिसकी जिम्मेदारी निजी बस ऑप्रेटरों की होगी। समिति के मुख्य सलाहकार समर चौहान, सचिव खमेंद्र गुप्ता, अध्यक्ष मान सिंह, उपाध्यक्ष खेम चंद सहित अन्य पदाधिकारियों ने कहा कि निजी बस संचालक न जाने किस भ्रम को पाले हुए हैं कि वह अपनी तुलना एचआरटीसी से करते हैं। एचआरटीसी सरकार का एक उपक्रम है जो गरीबों, वंचितों, अत्यंत दुर्गम क्षेत्रों में लाभ की भावना से नहीं बल्कि सुविधा प्रदान करने की दृष्टि से कार्य करता है जबकि निजी बस संचालक का उद्देश्य केवल लाभ अर्जित करना है। एचआरटीसी की कार्यप्रणाली पर सरकार द्वारा लिए निर्णय का प्रभाव पड़ता है जिन्हें सरकार जनता के हित में लेती है। अत: एचआरटीसी की देनदारियों की चिंता निजी बस संचालक न करें, क्योंकि एचआरटीसी और निजी बस संचालक के मध्य की जाने वाली तुलना बिल्कुल तर्कसंगत नहीं है।
देनदारियां अदा करने में असमर्थ हैं ऑप्रेटर तो सरैंडर कर सकते हैं रूट
समिति पदाधिकारियों ने कहा कि निजी बस संचालकों को सरकार द्वारा रूट परमिट किसी दबाव में नहीं बल्कि उनकी इच्छा अनुसार मनपसंद दिए गए हैं। यदि निजी बस संचालक अपनी देनदारियों को अदा करने में असमर्थ रहता है तो वह अपने रूट परमिट सरैंडर कर सकते हैं। परिवहन निगम लाभ एवं हानि दोनों तरह की स्थिति में सेवाएं देने के लिए वचनबद्ध है, लेकिन निजी बस संचालक स्वतंत्र हैं।
निगम लाभ को काट कर महिलाओं को दे रहा किराए में 50 प्रतिशत छूट
समिति सचिव ने कहा कि निजी बस संचालक केवल एक ही राग पिछले कई वर्षों से अलाप रहे हैं कि परिवहन निगम ने महिलाओं को 50 प्रतिशत छूट दी है, जिससे उन्हें कारोबार में घाटा हो रहा है। उन्होंने कहा कि निगम ने 50 प्रतिशत की जो छूट महिला यात्रियों को प्रदान की है वह भी अपने लाभ से काट कर ही दी है। ऐसी रियायतें और कमजोर वर्ग के उत्थान के लिए हम वचन एवं संकल्पबद्ध हैं। आगे भी यह समाज को लाभ देने का हमारा संकल्प निरंतर जारी रहेगा।
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