Edited By Ajay Sharma, Updated: 21 Feb, 2021 04:18 PM
कुल्लू की ‘पीर बाबा’ लाला वाले की मज़ार सालों से हिंदू-मुस्लिम एकता का प्रतीक बनी हुई है। कुल्लू शहर के अखाड़ा बाज़ार के रहने वाले सुरेंद्र भाई और उनका परिवार वर्षों से पुश्तों द्वारा संजोई गई पीर बाबा लाला वाले की मज़ार की देखरेख कर रहे हैं।...
कुल्लू की ‘पीर बाबा’ लाला वाले की मज़ार सालों से हिंदू-मुस्लिम एकता का प्रतीक बनी हुई है। कुल्लू शहर के अखाड़ा बाज़ार के रहने वाले सुरेंद्र भाई और उनका परिवार वर्षों से पुश्तों द्वारा संजोई गई पीर बाबा लाला वाले की मज़ार की देखरेख कर रहे हैं। मुरादों को पूरा करने के साथ-साथ यह मज़ार लोगों में सांप्रदायिक सद्भावना भी बढ़ा रही है। प्रदेश शायद ही ऐसा कोई और उदाहरण देखने को मिलेगा।