हवाई अड्डों के विस्तार से हिमाचल में पर्यटन क्षेत्र को मिलेगा नया आयामः मुख्यमंत्री

Edited By prashant sharma, Updated: 30 Oct, 2020 04:50 PM

himachal tourism sector will get new dimension with expansion of airports cm

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने आज यहां प्रदेश में हवाई अड्डों के विकास और विस्तार के संदर्भ में आयोजित एक बैठक की अध्यक्षता करते हुए अधिकारियों को मंडी जिला के नागचला में ग्रीन फील्ड हवाई अड्डा के निर्माण और कांगड़ा एवं शिमला हवाई अड्डों के विस्तार से...

सुंदरनगर (अदीप सोनी) : मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने आज यहां प्रदेश में हवाई अड्डों के विकास और विस्तार के संदर्भ में आयोजित एक बैठक की अध्यक्षता करते हुए अधिकारियों को मंडी जिला के नागचला में ग्रीन फील्ड हवाई अड्डा के निर्माण और कांगड़ा एवं शिमला हवाई अड्डों के विस्तार से जुड़ी विभिन्न औपचारिकताओं के कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि नागचला हवाई अड्डे के निर्माण के लिए 2936 बीघा भूमि चिन्हित की गई है और जनवरी, 2020 में इस स्थल के लिए स्वीकृति प्राप्त की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि केन्द्रीय मंत्रालय के साथ नवम्बर, 2019 में आयोजित बैठक में यह तय हुआ था कि भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण पहले चरण में 2100 मीटर लम्बे रन-वे पर कार्य करेगा। उन्होंने कहा कि हिमाचल सरकार चरण दो के लिए 3150 मीटर भूमि अधिग्रहण करेगी और अतिरिक्त भूमि को बफर जोन के रूप में इस्तेमाल किया जाएगा। प्रदेश सरकार ने इस ग्रीन फील्ड हवाई अड्डे के विकास और संचालन के लिए संयुक्त उपक्रम कम्पनी के माध्यम से 15 जनवरी, 2020 को एक समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित किया है। 

उन्होंने कहा कि इस महत्वकांक्षी परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण, टर्मिनल भवन, रन-वे और सम्बद्ध गतिविधियों पर 7448 करोड़ रुपये की अनुमानित राशि खर्च होगी। भूमि अधिग्रहण पर 2786 करोड़ रुपये अन्य विकासात्मक गतिविधियों पर 2965 करोड़ रुपये टर्मिनल भवन, रन-वे एवं सम्बद्ध अधोसंरचना पर 900 करोड़ रुपये विभिन्न ढांचों पर 782 करोड़ रुपये जबकि वन संरक्षण अधिनियम के अन्तर्गत क्षतिपूर्ति पर 15 करोड़ रुपये व्यय होंगे। उन्होंने कहा कि इस प्रस्तावित हवाई पट्टी के लिए सुकेती खड्ड के तटीकरण की आवश्यकता होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि मण्डी जिला में ग्रीन फील्ड हवाई अड्डे के निर्माण तथा कांगड़ा एवं शिमला हवाई अड्डों के विस्तार से राज्य में पर्यटन गतिविधियों को नया आयाम मिलेगा। विशेषकर उच्च आय वर्ग के पर्यटक प्रदेश के मनोरम स्थलों का भ्रमण  करने के लिए आगे आएंगे। इससे न केवल प्रदेश की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होगी बल्कि स्थानीय लोगों को रोजगार एवं स्वरोजगार के पर्याप्त अवसर भी उपलब्ध होंगे। पर्यटन एवं नागरिक उड्डयन विभाग के सचिव देवेश कुमार ने इस अवसर पर प्रदेश द्वारा कार्यान्वित की जा रही विभिन्न परियोजनाओं पर एक प्रस्तुति दी। जल शक्ति मंत्री महेन्द्र सिंह, अतिरिक्त मुख्य सचिव आरडी धीमान और प्रबोध सक्सेना, प्रधान सचिव जेसी शर्मा, सचिव विकास लाबरू और निदेशक पर्यटन युनस भी बैठक में उपस्थित थे।
 

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