Edited By Jyoti M, Updated: 23 Dec, 2024 10:56 AM
हिमाचल में बिजली लाइनों पर काम करते हुए तकनीकी कर्मचारियों द्वारा सेफ्टी रैगुलेशन का सही तरीके से प्रयोग न होने पर 4 वर्षों में 27 लोगों की मौत हो चुकी है वहीं सैंकड़ों घायल हुए हैं।
शिमला, (राजेश): हिमाचल में बिजली लाइनों पर काम करते हुए तकनीकी कर्मचारियों द्वारा सेफ्टी रैगुलेशन का सही तरीके से प्रयोग न होने पर 4 वर्षों में 27 लोगों की मौत हो चुकी है वहीं सैंकड़ों घायल हुए हैं। यदि बिजली लाइनों पर काम करते हुए विद्युत नियामक आयोग की ओर से जारी सेफ्टी रैगुलेशन का सही तरीके प्रयोग किया जाता तो ये जानें बच सकती थीं।
सेफ्टी रैगुलेशन का सही तरीके से प्रयोग न होने से हुई मौतों में 17 मौतें बिजली बोर्ड के नियमित कर्मचारियों की हुई हैं वहीं 10 में आऊटसोर्स व बाहरी व्यक्ति शामिल हैं। बोर्ड के अनुसार इन मौतों में बिजली लाइन पर काम करते हुए हैल्मेट न पहनने और अन्य नियमों का पालन न करने से ये मौतें हुई हैं।
बोर्ड प्रबंधन का मनना है कि सेफ्टी रैगुलेशन के तहत काम करने पर बिजली कर्मचारियों की मौतों का आंकड़ा कम हो सकेगा। ऐसे में बिजली बोर्ड प्रबंधन पर सख्त भी हो गया है। शिमला शहर सहित प्रदेशभर में निजी कंपनियां भी लाइनों पर काम करते हुए सेफ्टी रैगुलेशन का प्रयोग नहीं कर रही हैं। इससे कई निजी कर्मी भी हादसों का शिकार हो चुके हैं, जिनका कोई भी आंकड़ा नहीं है।
कर्मचारियों को पूरी सुरक्षा के साथ ही काम करने के आदेश
इस बारे में बिजली बोर्ड के सलाहकार अनुराग पराशर ने कहा कि इस बारे में बोर्ड पहले ही सचेत है। हिमाचल प्रदेश विद्युत नियामक आयोग ने भी बिजली से संबंधित कार्यों में लापरवाही बारे सख्त रैगुलेशन भी जारी किए हैं।
दूसरे उपायों के साथ- साथ फील्ड कर्मचारियों को विद्युत सुरक्षा उपकरणों यानी हैल्मेट व दस्ताने आदि पहन कर ही मुरम्मत कार्य करने के आदेश हैं। मार्च 2025 में इस बारे एक विशेष जागरूकता सप्ताह के आयोजन का भी कार्यक्रम है।