Edited By Vijay, Updated: 07 Feb, 2025 10:07 AM

एचआरटीसी बसों में कैशलैस ट्रांजैक्शन को बढ़ावा देने वाले परिचालकों को निगम प्रबंधन ने सम्मानित किया है। वहीं अब निगम प्रबंधन ने निगम डिपुओं के लिए भी इन्सैटिव प्लान शुरू किया है।
शिमला (राजेश): एचआरटीसी बसों में कैशलैस ट्रांजैक्शन को बढ़ावा देने वाले परिचालकों को निगम प्रबंधन ने सम्मानित किया है। वहीं अब निगम प्रबंधन ने निगम डिपुओं के लिए भी इन्सैटिव प्लान शुरू किया है। अब जो डिपो कैशलैस टिकटिंग में बेहतर प्रयास करेंगे, उन्हें प्रथम पुरस्कार के तौर पर 50000 रुपए का नकद पुरस्कार दिया जाएगा। दूसरे व तीसरे स्थान पर रहने वालों को 30000 और 20000 रुपए ईनाम दिया जाएगा। बीते जनवरी से ही इनका आकलन होगा। इससे पहले परिचालकों को भी अधिक कैशलैस ट्रांजैक्शन करने पर सम्मानित किया जा चुका है।
प्रदेश में है 31 बस डिपो
कैशलैस ट्रांजैक्शन को बढ़ावा देने के लिए समय-समय पर लोगों को जागरूक भी किया जा रहा है। प्रदेश में 31 बस डिपो हैं। इनमें से अधिकतर डिपुओं में ई-टिकटिंग मशीनें हैं, जिनमें कैशलैस ट्रांजैक्शन की सुविधा है। वहीं कैशलैस ट्रांजैक्शन के लिए निगम प्रबंधन ने अभी हाल में ही एनसीएमसी कार्ड सुविधा भी शुरू की है, जिसमें मात्र एक कार्ड से ही ऑनलाइन किराए का भुगतान हो जाएगा। एचआरटीसी के एमडी रोहन चंद ठाकुर ने कहा कि जो प्रथम 3 यूनिट कैशलैस टिकट अधिक काटेंगे, उनको एक लाख रुपए तक के ईनाम देने की योजना है। इसी महीने से इनका आकलन किया जाएगा।
ऑनलाइन ट्रांजैक्शन हो रही है या नहीं, औचक निरीक्षण भी होंगे
परिचालकों को पहले ही कैशलैस ट्रांजैक्शन करने के आदेश हैं, लेकिन ऐसे मामले सामने आए हैं कि परिचालक इस पर कम ध्यान दे रहे हैं। अब डिपो स्तर पर अधिकारियों की यह ड्यूटी रहेगी कि वे अपने-अपने डिपो में कैशलैस ट्रांजैक्शन के लिए परिचालकों को प्रोत्साहित करें, साथ ही औचक निरीक्षण कर भी जांचेंगे कि ऑनलाइन ट्रांजैक्शन हो रही है। इससे यह भी पता चलेगा कि बसों में सवारियां कितनी आ रही हैं और पैसे का पूरा रिकॉर्ड रहेगा। कई बार नकद पैसे लेने पर टिकट न देने के मामले भी निगम पकड़ता है। ऐसे में कैशलैस होने से ऐसे मामले काफी खत्म हो सकते हैं।
कैशलैस प्रक्रिया से खुले पैसों को लेकर विवादमुक्त हुआ निगम
कैशलैस सुविधा शुरू होने से जहां यात्रियों को राहत मिली है, वहीं एचआरटीसी परिचालकों को भी फायदा हुआ है। इससे किराए के भुगतान के लिए खुले पैसे की समस्या से भी खत्म हो गई है। वहीं दूसरी ओर इस प्रणाली से पारदर्शिता आ रही है। एचआरटीसी के परिचालक पैसे की गड़बड़ी भी नहीं कर पा रहे हैं क्योंकि ऑनलाइन सीधे किराया निगम के खाते में जा रहा है। इससे एचआरटीसी की आय में भी इजाफा होने की संभावना है। इसके अलावा खुले पैसों के कारण परिचालक और यात्रियों के बीच वाद-विवाद से अब खत्म होने लगा है।
कैशलैस में एनसीएमसी कार्ड निभा रहा अब अहम भूमिका
निगम की बसों में अब गूगल-पे व फोन पे से अधिक भूमिका निगम का एनसीएमसी कार्ड निभा रहा है। मौजूदा समय में प्रदेशभर करीब 2600 लोग रोजाना ऑनलाइन किराए का भुगतान कर रहे हैं। वहीं इनमें एनएसएमसी कार्ड से भी ऑनलाइन किराया अदा कर रहे हैं। करीब 800 लोग रोजाना एनएससीएमसी कार्ड का प्रयोग कर रहे हैं।
हिमाचल की खबरें Twitter पर पढ़ने के लिए हमें Join करें Click Here
अपने शहर की और खबरें जानने के लिए Like करें हमारा Facebook Page Click Here
हिमाचल प्रदेश की खबरें पढ़ने के लिए हमारे व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ें Click Here