Edited By Jyoti M, Updated: 20 Feb, 2025 11:48 AM
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बल्ह उपमंडल में चिट्टे के बढ़ते प्रभाव और युवाओं की मौतों को देखते हुए बुधवार को एक महापंचायत का आयोजन किया गया। इस बैठक का उद्देश्य नशे के कारोबार पर रोक लगाना और चिट्टे से जुड़ी गतिविधियों को समाप्त करना था। बैठक का आयोजन खंड विकास अधिकारी...
हिमाचल डेस्क। बल्ह उपमंडल में चिट्टे के बढ़ते प्रभाव और युवाओं की मौतों को देखते हुए बुधवार को एक महापंचायत का आयोजन किया गया। इस बैठक का उद्देश्य नशे के कारोबार पर रोक लगाना और चिट्टे से जुड़ी गतिविधियों को समाप्त करना था। बैठक का आयोजन खंड विकास अधिकारी कार्यालय बल्ह में हुआ, जिसकी अध्यक्षता एसडीएम स्मृतिका नेगी और डीएसपी मुख्यालय दिनेश कुमार ने की। बैठक में उपमंडल की 44 पंचायतों के प्रधानों ने हिस्सा लिया और चिट्टे के खिलाफ एकजुट होने का संकल्प लिया।
पंचायत प्रधानों का सक्रिय सहयोग
बैठक में पंचायत प्रधानों को नशे के खिलाफ एकजुट होने के लिए प्रेरित किया गया। एसडीएम ने पंचायत प्रधानों को निर्देश दिए कि हर वार्ड में पांच सदस्यीय निगरानी कमेटी बनाई जाए। इस कमेटी का मुख्य कार्य चिट्टा की गतिविधियों में संलिप्त युवाओं पर नजर रखना और व्हाट्सएप के जरिए पुलिस को सूचित करना होगा। इसके अलावा, पंचायत स्तर पर नशे के खिलाफ जागरूकता अभियान चलाने के भी निर्देश दिए गए।
ड्रग फ्री हिमाचल एप की जानकारी
डीएसपी दिनेश कुमार ने पंचायत प्रधानों को "ड्रग फ्री हिमाचल" एप के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस एप का उपयोग करके कोई भी व्यक्ति संदिग्ध गतिविधियों की सूचना पुलिस तक पहुंचा सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि नशे के तस्कर अक्सर छोटे पैमाने पर कारोबार करते हैं ताकि पकड़े जाने पर वे सबूत नष्ट कर सकें। इसलिए, पुलिस को सूचित करने में सतर्कता रखना आवश्यक है।
संगठित प्रयासों की आवश्यकता
बैठक में पुलिस और पंचायतों के बीच समन्वय बढ़ाने पर भी सहमति बनी। खंड विकास अधिकारी शीला ठाकुर ने बताया कि इस बैठक में सभी 44 पंचायतों के प्रधान, सचिव और पंचायत इंस्पेक्टर शामिल हुए।
चिट्टे से हो रही मौतों और अपराधों का बढ़ना
बल्ह क्षेत्र में चिट्टे के बढ़ते प्रभाव के कारण अब तक 15 से 20 युवाओं की मौत हो चुकी है। कई युवकों पर चोरी की घटनाओं के मामले दर्ज हैं। चिट्टे की लत में फंसे ये युवक चोरी कर रहे हैं, ताकि नशे के लिए पैसों की व्यवस्था कर सकें। इसके अलावा, घर से दूर पढ़ाई करने वाले बच्चे भी इस नशे का शिकार हो रहे हैं, और कॉलेजों में पढ़ने वाले छात्र भी इसकी चपेट में आ रहे हैं।
प्रधान बोले- कोरोना काल की तरह पुलिस चलाए अभियान
टेक चंद, प्रधान, लुहाखर पंचायत का कहना है कि पुलिस ने कोरोना काल में हर जगह पहरेदारी दी थी। यह भी महामारी से कम नहीं है। पुलिस को चप्पा-चप्पा छानना होगा और हर जगह अपनी मौजूदगी देनी होगी। जनता पूरा साथ देगी।
कुलदीप, प्रधान दसेहड़ा पंचायत ने कहा कि पुलिस को ग्रामसभा में भी भागीदारी निभानी चाहिए। गांव के बहुत से लोग आगे नहीं आना चाहते और पुलिस के कागजों में पड़ना नहीं चाहते। पुलिस को जब बुलाया जाता है तो समय पर नहीं पहुंचती है।
दीक्षित नारंग, प्रधान, रति पंचायत ने कहा कि हम अपनी पंचायत में चिट्टा के खिलाफ लंबे समय से जंग लड़ रहे हैं। चिट्टा आज घर-घर पहुंच चुका है। यह काम एक या दो दिनों में या एक या दो साल में नहीं हुआ है।