Edited By Jyoti M, Updated: 21 Sep, 2025 11:03 AM

जम्मू-कश्मीर के डुडु-बसंतगढ़ क्षेत्र में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच हुई मुठभेड़ में हिमाचल प्रदेश के एक बहादुर जवान, लांस दफादार बलदेव चंद, शहीद हो गए। यह दुखद घटना शनिवार को सेओज धार वन क्षेत्र में हुई। बलदेव चंद बिलासपुर जिले के थेह गांव के...
हिमाचल डेस्क। जम्मू-कश्मीर के डुडु-बसंतगढ़ क्षेत्र में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच हुई मुठभेड़ में हिमाचल प्रदेश के एक बहादुर जवान, लांस दफादार बलदेव चंद, शहीद हो गए। यह दुखद घटना शनिवार को सेओज धार वन क्षेत्र में हुई। बलदेव चंद बिलासपुर जिले के थेह गांव के रहने वाले थे।
यह मुठभेड़ शुक्रवार रात करीब 8 बजे शुरू हुई थी, जिसमें बलदेव चंद गंभीर रूप से घायल हो गए थे। उन्हें तुरंत चिकित्सा सहायता दी गई, लेकिन दुर्भाग्य से उनकी जान नहीं बचाई जा सकी। उनके सर्वोच्च बलिदान की खबर से पूरे हिमाचल प्रदेश में शोक की लहर दौड़ गई है।
लांस दफादार बलदेव चंद की पार्थिव देह रविवार को उनके पैतृक गांव लाई जाएगी, जहाँ पूरे सैन्य सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। उनके परिवार में उनके सात साल के बेटे, पत्नी, भाई और माता-पिता हैं। उनका परिवार पहले भी देश की सेवा में रहा है, उनके पिता सेवानिवृत्त हवलदार बिशन दास और चाचा भी सेना में अपनी सेवाएं दे चुके हैं।
बलदेव चंद साल 2011 में सेना में शामिल हुए थे और तब से वह देश की सेवा में लगे हुए थे। उनका बलिदान देश की सुरक्षा के प्रति उनकी अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाता है। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने उनके निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि बलदेव चंद ने सीमाओं की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहुति दी है, जिसे हमेशा याद रखा जाएगा। मुख्यमंत्री ने यह भी आश्वासन दिया कि राज्य सरकार इस मुश्किल घड़ी में शहीद के परिवार को हर संभव मदद देगी।
यह मुठभेड़ क्षेत्र में छिपे हुए आतंकियों को खत्म करने के लिए चलाए जा रहे एक बड़े अभियान का हिस्सा है। बलदेव चंद जैसे बहादुर जवानों के बलिदान से ही देश की सीमाएं सुरक्षित रहती हैं। उनका यह बलिदान हमें हमेशा याद दिलाता रहेगा कि देश की रक्षा के लिए हमारे सैनिक किस तरह अपनी जान जोखिम में डालते हैं। उनका साहस और समर्पण हम सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत है।