Edited By Vijay, Updated: 06 Nov, 2018 09:55 PM

केंद्र सरकार ने राज्य में बीते अगस्त और सितम्बर माह की अवधि के दौरान जी.एस.टी. से हुए राजस्व नुक्सान की एवज में 315 करोड़ रुपए जारी किए हैं। हालांकि यह राशि केंद्र की तरफ से सशर्त जारी की गई है, जिसमें कहा गया है कि सरप्लस राशि होने की एवज इसकी...
शिमला: केंद्र सरकार ने राज्य में बीते अगस्त और सितम्बर माह की अवधि के दौरान जी.एस.टी. से हुए राजस्व नुक्सान की एवज में 315 करोड़ रुपए जारी किए हैं। हालांकि यह राशि केंद्र की तरफ से सशर्त जारी की गई है, जिसमें कहा गया है कि सरप्लस राशि होने की एवज इसकी वसूली की जाएगी। इस तरह फैस्टीवल सीजन की एवज यह प्रदेश के लिए सुखद खबर रही है।
जी.एस.टी. से हर साल हो रहा 227 करोड़ रुपए का नुक्सान
उल्लेखनीय है कि जी.एस.टी. से राज्य को करीब 227 करोड़ रुपए का नुक्सान हो रहा है। इसकी केंद्र सरकार की तरफ से भरपाई की जा रही है। राज्य की अफसरशाही पहले यह मान रही थी कि प्रदेश को जी.एस.टी. से लाभ होगा लेकिन उनका यह आकलन सही साबित नहीं हुआ। इससे करीब 49 हजार करोड़ रुपए के कर्ज तले दबे हिमाचल प्रदेश की परेशानी और बढ़ गई है क्योंकि केंद्र निश्चित समय अवधि के बाद इसकी भरपाई नहीं करेगा।
हिमाचल सरकार को लिखा गया है पत्र
केंद्र की तरफ से जारी की गई अनुदान राशि के साथ हिमाचल सरकार को पत्र लिखा गया है। इस पत्र में कहा गया है कि अगर राज्य सरकार के लिए दिया गया अनुदान महालेखाकार के लेखे-जोखे में ज्यादा यानि सरप्लस पाया जाता है तो उसकी रिकवरी होगी। यानि यह पूरी राशि उसी स्थिति में प्रदेश को मिलेगी, जब राजस्व घाटा लगाए गए अनुमान के अनुसार होगा।