Edited By Jyoti M, Updated: 28 Dec, 2025 09:56 AM

जब उम्र खिलौनों से खेलने और सुनहरे भविष्य के सपने बुनने की थी, तब हिमाचल के औद्योगिक केंद्र बद्दी के लोधी माजरा में एक 13 साल की मासूम ने जिंदगी की डोर ही तोड़ दी। मानपुरा पुलिस थाना के अंतर्गत आने वाले इस क्षेत्र में छठी कक्षा में पढ़ने वाली एक...
हिमाचल डेस्क। जब उम्र खिलौनों से खेलने और सुनहरे भविष्य के सपने बुनने की थी, तब हिमाचल के औद्योगिक केंद्र बद्दी के लोधी माजरा में एक 13 साल की मासूम ने जिंदगी की डोर ही तोड़ दी। मानपुरा पुलिस थाना के अंतर्गत आने वाले इस क्षेत्र में छठी कक्षा में पढ़ने वाली एक प्रवासी बच्ची द्वारा आत्मघाती कदम उठाने का मामला सामने आया है। इस घटना ने न केवल क्षेत्र को स्तब्ध कर दिया है, बल्कि बच्चों के मानसिक दबाव पर भी गहरी चिंता पैदा कर दी है।
सूने घर में घटित हुआ हादसा
मृतक बच्ची का परिवार मूल रूप से उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिले का रहने वाला है और यहां किराए के मकान में गुजर-बसर कर रहा था। बच्ची स्कूल से घर लौटी थी, जबकि उसके माता-पिता अपनी आजीविका कमाने के लिए कंपनी ड्यूटी पर गए हुए थे। घर में उसका छोटा भाई भी साथ था, जो कुछ देर बाद बाहर खेलने चला गया। इसी सूनेपन के बीच मासूम ने पंखे के सहारे फंदा लगाकर अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली।
भाई की चित्कार से सहम गया इलाका
शाम को जब छोटा भाई खेलकर कमरे में वापस आया, तो अंदर का नजारा देख उसके पैरों तले जमीन खिसक गई। अपनी बहन को इस हाल में देख वह चीखने लगा। शोर सुनकर आसपास के लोग जमा हुए और तुरंत पुलिस व बच्ची के माता-पिता को इस दुखद घटना की जानकारी दी गई।
जांच में जुटी पुलिस, सुसाइड नोट न मिलने से गुत्थी उलझी
मानपुरा पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को अपने संरक्षण में लिया। शनिवार को नालागढ़ अस्पताल में चिकित्सकीय परीक्षण (पोस्टमार्टम) के बाद पार्थिव देह परिजनों के हवाले कर दी गई।
एएसपी बद्दी अशोक वर्मा के अनुसार:
"फिलहाल घटनास्थल से कोई भी ऐसा पत्र या सुसाइड नोट नहीं मिला है जिससे मौत के कारणों का स्पष्ट पता चल सके। बच्ची ने इतना बड़ा कदम क्यों उठाया, पुलिस हर पहलू से इसकी गहराई से तफ्तीश कर रही है।"